
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन की जांच मामले में शीर्ष अदालत ने नई दिल्ली AIIMS निदेशक को एक पैनल को नामित करने के निर्देश दिए है। यह पैनल विशेषज्ञ डॉक्टरों का एक ऐसा पैनल होगा जो उन बिमारियों की जांच रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपेगा जिनसे जयललिता मौत से पूर्व गुजरी थी। दरअसल, तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन का मामला विवादों में तब आ गया जब तमिलनाडु के नेता के. पलानीस्वामी ने मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को जयललिता के निधन का जिम्मेदार बताया था।
तमिलनाडु सरकार ने 25 सितंबर, 2017 को मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए अरुमुघस्वामी की अध्यक्षता में आयोग की नियुक्ति की थी। इस आयोग को उन परिस्थितियों की जांच करने के लिए कहा गया था जिसके क्रम में 22 सितंबर, 2016 जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी मृत्यु हो गई थी। पीठ ने आयोग को मृत्यु का कारण निर्धारित करने के लिए उपचार की प्रकृति की भी जांच करने की अनुमति दी थी।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अपोलो अस्पताल को किसी भी गवाह या व्यक्ति से जिरह करने की अनुमति मांगने के लिए एक उपयुक्त आवेदन करने की भी अनुमति दी, जिसमें वे सभी गवाह भी शामिल हैं जिनके साक्ष्य बंद कर दिए गए थे। शीर्ष अदालत ने कहा “यदि ऐसा कोई आवेदन दायर किया जाता है जिसमें जयललिता के मौत से जुड़े गवाहों द्वारा ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किये जाते हैं तो हम आयोग से इस पर विचार करने और उचित आदेश पारित करने का अनुरोध करेंगे।”