आजीवन कारावास की सजा काट रहे दो मुलजिम बने समधी, बेटे-बेटी की आपस में कराई शादी…

अर्जुन सिंह बताते हैं कि आर्थिक तंगी के चलते दोनों के बच्चे पढ़ाई लिखाई ना कर सके. दोनों के परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं है. कैसे भी मेहनत मजदूरी के जरिए आजीविका चलाते हैं. ऐसे में दोनों ने इस बात पर सहमति जताई की वे अपनी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल देंगे लिहाजा दोनों ने पैरोल की अवधि के दौरान अपने बच्चों की एक दूसरे शादी करा दी और समधी बन गए.

कौशाम्बी से एक अनोखी खबर सामने आई है. शनिवार को कौशाम्बी जिला जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 2 मुलजिमों ने आपसी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल दिया और आपस में समधी बन गए. अर्जुन सिंह और दारा सिंह कौशाम्बी जिला जेल में धारा 302 के तहत दर्ज एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे.

इसी दौरान दोनों कैदियों के बीच दोस्ती हुई. इस बीच जब दोनों कैदियों को पैरोल मिली तो उन्होंने आपसी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल देने का फैसला किया. सजायफ्ता अर्जुन सिंह को 21 दिन का पैरोल मिली जबकि दारा सिंह को 4 दिन का पैरोल मिला. इसी अवधि में दोनों कैदियों ने अपने बेटे और बेटी की आपस में शादी करा दी.

कौशाम्बी जनपद के सराय अकील के अतरसुइया गांव निवासी अर्जुन सिंह ने अपने बेटी की शादी पिपरी थाना क्षेत्र के कटहुला गांव निवासी दारा सिंह के बेटे से कर दी और आपसी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल दिया. इस मामले को लेकर अर्जुन सिंह बताते हैं कि जेल में रहते-रहते उनकी बातचीत दारा सिंह से होती रहती थी. इस बीच दोनों ने अपने बेटे-बेटियों की शादी का फैसला लिया और बात आगे बढ़ चली.

अर्जुन सिंह बताते हैं कि आर्थिक तंगी के चलते दोनों के बच्चे पढ़ाई लिखाई ना कर सके. दोनों के परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं है. कैसे भी मेहनत मजदूरी के जरिए आजीविका चलाते हैं. ऐसे में दोनों ने इस बात पर सहमति जताई की वे अपनी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल देंगे लिहाजा दोनों ने पैरोल की अवधि के दौरान अपने बच्चों की एक दूसरे शादी करा दी और समधी बन गए.

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