भोले की भक्ति में लीन कावड़ियें ने 1 किलो से अधिक की खड़ाऊं पहन कर शुरू की केदारनाथ की कावड़ यात्रा

4 जुलाई से शुरू हुई कावड़ यात्रा 26 जुलाई को शिवरात्रि के दिन समाप्त हो गई है। लेकिन हरिद्वार में भोले की भक्ति में लीन कावड़िये अभी भी हरिद्वार जल लेने पहुंच रहे है।

14 जुलाई से शुरू हुई कावड़ यात्रा 26 जुलाई को शिवरात्रि के दिन समाप्त हो गई है। लेकिन हरिद्वार में भोले की भक्ति में लीन कावड़िये अभी भी हरिद्वार जल लेने पहुंच रहे है। महाराष्ट्र से आए नितेश ने 1 किलो से अधिक की बनी खड़ाऊं पहन कर हरिद्वार से केदारनाथ के लिए कावड़ लेकर रवाना हो गए है।

नितेश कांबले 1 किलो से  अधिक की बनी खड़ाऊ पहनकर कावड़ यात्रा कर रहे हैं। जिसे उन्होंने 8 महीने के करीब से पहना हुआ है। कावड़ यात्रा कर रहे नितेश कांबले बताते हैं की भोले को खुश करना ही एकमात्र उद्देश्य है इसीलिए वह इस कावड़ यात्रा को कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि वह इस कावड़ यात्रा के दौरान ना तो कुछ खाएंगे ना ही फहलाहर करेंगे। वह सिर्फ जूस और पानी के सहारे इस कावड़ यात्रा को करेंगे। इसी तप को और कठिन करने के लिए उन्होने 1 किलो से बनी खड़ाऊ को भी पहना हुआ है। नीतीश कांबले का कहना है कि भगवान भोलेनाथ की भक्ति करना उन्हें बचपन से ही पसंद है, इससे पहले भी वह पैदल महाकाल तक कि यात्रा कर चुके है ।

Related Articles

Back to top button
Live TV