आरटीआई के मामलें में यूपी के कुशीनगर से प्रशासन की पोल खोल देने वाली खबर सामने आई है. जिले के पडरौना तहसील अंतर्गत डुम्मर भार निवासी अरुण सिंह ने आरटीआई के तहत ग्रामसभा के कार्यों को लेकर बीडीओ से जवाब मांगा था. आवेदक अरुण सिंह को जवाब भी मिला लेकिन वो किसी कागज पर लिखी कोई कोई जानकारी नहीं थी, बल्कि उन्हें एक गत्ता कबाड़ भेज दिया गया.
आरटीआई आवेदक अरुण सिंह ने ग्राम सभा में कराए गए कार्यों को लेकर जानकारी प्राप्त करने के लिए 8 हजार 4 सौ रुपए भी जमा किए थे, लेकिन इस आरटीआई के जवाब में गट्टे भर कबाड़ उन्हें भेज दिया गया. गत्ते के अंदर साड़ी के गत्तों का ढेर मिला. बीडीओ कप्तानगंज ने सूचना के अधिकार की जमकर धज्जियां उड़ाई हैं. सरकार की पारदर्शी नीतियों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने वाले ऐसे अधिकारियों के हौसले बुलंद है और इनकी मनमानी जारी है.
आवेदक को जब आरटीआई के जवाब में कूड़े से भरा गत्ता मिला तो उन्होंने इसकी शिकायत राज्य सूचना आयुक्त के कोर्ट में की. मामलें को लेकर राज्य सूचना आयुक्त ने कूड़े की ढ़ेर वाले बात को पूरी तरह नकार दिया और कहा कि ऐसा हो ही नहीं सकता है. बहरहाल, आवेदक को अब तक जरुरी जानकारी नहीं मिल सकी है. जनपद में आरटीआई प्रक्रिया अफसरों की मनमानी और लापरवाही का पर्याय बन चुकी है.