लखीमपुर खीरी हिंसा: आशीष मिश्रा की ज़मानत को चुनौती देने वाली अर्ज़ी पर सुप्रीम कोर्ट 15 मार्च को करेगा सुनवाई…

लखीमपुर खीरी हिंसा में आरोपी आशीष मिश्रा की ज़मानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 15 मार्च को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में आज मामले में याचिकाकर्ता की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की पीठ के सामने मामले की जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि पिछली बार सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को सुनवाई के लिए कहा था लेकिन आज मामला सुनवाई के लिए नहीं लगा है। कल रात मामले एक मुख्य गवाह पर हमला हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए किसानों के परिवार ने अर्ज़ी दाखिल की है। इससे पहले याचिकाकर्ता की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि आशीष की ज़मानत के बाद मामले में दूसरे आरोपी भी ज़मानत के लिए कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे है, इस लिए जल्द सुनवाई होनी चहिये। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा वह मामले में 11 मार्च को सुनवाई करेगा।

सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल कर में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाई कोर्ट से मिली ज़मानत को रद्द कराने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि आशीष मिश्रा की ज़मानत को उत्तर प्रदेश सरकार ने चुनौती नहीं दी इस लिए हमको कोर्ट आना पड़ा है। याचिका में कहा कि आशीष मिश्रा के रसूख के चलते ज़मानत पर रहते हुए उसके सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। याचिका में कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज़मानत देते वक़्त अपराध की गम्भीरता, आशीष मिश्रा के खिलाफ पुख्ता सबूतों को नज़र अंदाज़ किया है। अर्ज़ी में कहा आशीष मिश्रा को ज़मानत देते समय हाई कोर्ट ने चार्जशीट में रखी गई बातों पर भी हाई कोर्ट ने ध्यान नहीं दिया।

बता दें पहले आशीष मिश्रा की ज़मानत के खिलाफ लखीमपुर खीरी कांड में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता शिवकुमार त्रिपाठी ने भी अर्जी किया है। आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से 10 फरवरी से जमानत मिली थी। पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर के दिन गिरफ्तार किया गया था।

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