Desk: समाजवादी पार्टी का 2 दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन आज समपन्न हुआ. पूर्व सीएम अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. लगातार तीसरी बार अखिलेश यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. वही नरेश उत्तम पटेल को सपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. इस बीच सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नें जमकर सत्ता और विपक्षियों पर निशाना साधा.
वही इस अधिवेशन को लेकर पक्ष विपक्ष समेत तमाम नेताओं नें सपा पर ही निशाना साधा. इस कड़ी में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती नें सपा प्रमुख पर चुन चुन कर हमला किया. बसपा सुप्रीमो नें कहा ट्विट करते हुए लिखा कि समाजवादी पार्टी द्वारा अपने चाल, चरित्र, चेहरा को ’अम्बेडकरवादी’ दिखाने का प्रयास वैसा ही ढोंग, नाटक व छलावा है जैसा कि वोटों के स्वार्थ की ख़ातिर अन्य पार्टियाँ भी अक्सर यहाँ ऐसा करती रहती हैं. इनका दलित व पिछड़ा वर्ग प्रेम मुँह में राम बग़ल में छुरी को ही चरितार्थ करता है.
1. समाजवादी पार्टी द्वारा अपने चाल, चरित्र, चेहरा को ’अम्बेडकरवादी’ दिखाने का प्रयास वैसा ही ढोंग, नाटक व छलावा है जैसा कि वोटों के स्वार्थ की ख़ातिर अन्य पार्टियाँ भी अक्सर यहाँ ऐसा करती रहती हैं। इनका दलित व पिछड़ा वर्ग प्रेम मुँह में राम बग़ल में छुरी को ही चरितार्थ करता है।
— Mayawati (@Mayawati) September 29, 2022
साथ ही उन्होनें लिखा कि वास्तव में परमपूज्य डा. भीमराव अम्बेडकर के संवैधानिक व मानवतावादी आदर्शों को पूरा करके देश के करोड़ों गरीबों, दलितों, पिछड़ों, उपेक्षितों आदि का हित, कल्याण व उत्थान करने वाली कोई भी पार्टी व सरकार नहीं है और सपा का तो पूरा इतिहास ही डा. अम्बेडकर व बहुजन विरोधी रहा है.
बसपा सुप्रीमों ने कहा कि सपा शासनकाल में बाबा साहेब डा अम्बेडकर के अनुयाइयों की घोर उपेक्षा हुई व उनपर अन्याय-अत्याचार होते रहे. महापुरुषों की स्मृति में बीएसपी सरकार द्वारा स्थापित नए जिले, विश्वविद्यालय, भव्य पार्क आदि के नाम भी जातिवादी द्वेष के कारण बदल दिए गए. क्या यही है सपा का डा अम्बेडकर प्रेम?
आपको बता दें कि 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दल सक्रीय होते नजर आ रहे है. आनें वाले चुनाव को लेकर सभी नेता सक्रिय होनें लगे है. वही ये पहली बार नही है जब मायावती नें सपा और अखिलेश यादव पर निशाना साधा हो. इससे पहले भी मायावती नें अखिलेश यादव से कई सवाल पूछ चुकी है.