यूपी में बुलडोज़र कार्यवाही पर फिलहाल रोक नहीं, SC ने कहा कि इससे स्थानीय निकायों के अधिकारों में कटौती होगी

उत्तर प्रदेश में बुलडोज़र कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अवैध निर्माण को गिराने की प्रक्रिया में प्रतिबंध का आदेश नहीं जारी कर सकता है। इससे स्थानीय निकायों के अधिकारों में कटौती होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में आज मध्यप्रदेश और गुजरात सरकार को भी नोटिस जारी किया। कानपुर/ प्रयागराज प्रशासन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि नियम के मुताबिक कार्यवाही हो रही है। ऐसा नही हो सकता कि अगर कोई आरोपी है तो उसका घर निगम के नियम के मुताबिक गिराया नही जा सकता है। जमीयत के वकील ने कहा कि पिक ऐंड चूज़ पॉलिसी अपनाई जा रही है। एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में अब 10 अगस्त को मामले की सुनवाई होगी।

उत्तर प्रदेश में बुलडोज़र कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अवैध निर्माण को गिराने की प्रक्रिया में प्रतिबंध का आदेश नहीं जारी कर सकता है। इससे स्थानीय निकायों के अधिकारों में कटौती होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में आज मध्यप्रदेश और गुजरात सरकार को भी नोटिस जारी किया। कानपुर/ प्रयागराज प्रशासन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि नियम के मुताबिक कार्यवाही हो रही है। ऐसा नही हो सकता कि अगर कोई आरोपी है तो उसका घर निगम के नियम के मुताबिक गिराया नही जा सकता है। जमीयत के वकील ने कहा कि पिक ऐंड चूज़ पॉलिसी अपनाई जा रही है। एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में अब 10 अगस्त को मामले की सुनवाई होगी।

सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कुछ जगहों को ध्वस्तीकरण किया गया है, लेकिन नियमों के मुताबिक कार्यवाही की गई है। यह कार्यवाही दंगों के पहले ही शुरू हो गई थी। इसे बेवजह सनसनीखेज नहीं बनाया जाना चहिये। जमीयत उलेमा ए हिन्द की तरफ से वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि एक न्यूज़ पेपर की रिपोर्ट के मुताबिक असम में हत्या के आरोपी का घर गिराया गया। यह रुकना चाहिए, इस मामले में विस्तृत सुनवाई की ज़रूरत है। वकील दुष्यंत दवे ने आरोप लगाया कि पिक एंड चूज़ की पॉलिसी अपनाई जा रही है, एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। इसपर यूपी सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यहां सभी भारतीय समुदाय है, आप इसपर बहस नहीं कर सकत्व हैं।

याचिकाकर्ता की तरफ़ से वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि  दिल्ली के लगभग सभी फॉर्म हॉउस अवैध है लेकिन उसपर कोई कार्रवाही नहीं हो रही है। देश भर में बुलडोज़र कार्यवाही पर रोक का आदेश देना चहिये। इस तरह की कार्यवाही का चलन ठीक नहीं है। इसकी इस देश में इजाज़त नहीं दी जा सकती है यह देश कानून से चलता है। दिल्ली के जहाँगीपुरी में भी इसी तरख की कार्रवाही एक संप्रदायिक घटना के बाद कि गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरफ का आदेश कैसे दे सकते है । जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा कार्रवाही करने पर कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगा सकते हैं।  मामले के आधार पर इसकी जांच की जानी चहिये। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह 10 अगस्त को मामले की सुनवाई करेंगे। 8 अगस्त तक सभी पक्ष अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आज मध्यप्रदेश और गुजरात सरकार को भी नोटिस जारी किया है।

सुनवाई से पहले यूपी में बुलडोजर करवाई को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया।यूपी सरकार ने हलफनामे में कहा कि जमीअत कोर्ट को गुमराह करना चाह रही है। यूपी सरकार ने जमीयत की याचिका को खारिज करने की मांग किया। यूपी सरकार ने हलफनामे में कहा उत्तर प्रदेश में कानून के मुताबिक कार्रवाई की गई।यूपी सरकार ने कहा जिन लोगों ने अवैध अतिक्रमण किया उन्हीं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है।यूपी सरकार ने कहा सहारनपुर में अवैध अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी नाबालिक बच्चे को हिरासत में नहीं लिया गया। यूपी सरकार ने कहा प्रयागराज के अवैध अतिक्रमण का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। यूपी सरकार ने कहा प्रयागराज मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जरूरत नहीं है।




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