Swami के बयान पर बोले Ram Gopal Yadav, कहा-राजनीतिक दल में अच्छे लोग भी होते हैं और टेढ़े लोग भी !

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी पर कई मुद्दों को लेकर निशाना साधा। सपा राष्ट्रीय महासचिव ने ...

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी पर कई मुद्दों को लेकर निशाना साधा। सपा राष्ट्रीय महासचिव ने योगी जी के हिन्दु राष्ट्र बाले बयान क जबाव देते हुये कहा देखिए भारत हिंदू राष्ट्र न हीं योगी की वजह से है और ना उनकी वजह से रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि भारत जैसा हमेशा था वैसा रहा हैं। हिंदू धर्म ऐसा धर्म है जो सबको साथ ले के चलता हैं। अब सरकार के लोग धर्म विकृति पैदा कर रहे हैं।

आगे उन्होंने पत्रकार के द्वारा कानपुर की माँ-बेटी की मौत की घटना पर सवाल पूछे जाने पर प्रतिक्रिया देने से पहले उन्होंने कहा की वह विद्या मंदिर में हैं तो कोई राजनीतिक बात नहीं करना चाहते हैं। आगे उन्होंने कहा कानपूर में जो हुआ वो निंदनीय है दर्दनाक है और ऐसा होना नहीं चाहिए था। गवर्नमेंट को कोई सख्त कार्रवाई करना चाहिए था। जो जिम्मेदार अधिकारी हैं उनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए थी।

बीबीसी पर हो रही इनकम टैक्स की कार्रवाई वाले सवाल का जवाब न देते हुए कहा सड़क पर सवाल पूछोगे तो सबका राजनीतिक जवाब देंगे। साथ ही संगठन के गठन पर उन्होंने कहा कि गठन और पुनर्गठन होता ही रहता हैं। ये लोगों के कार्य करने के तौर उनकी क्षमता के आधार पर ही उनको जिम्मेदारी दी जाएगी।

स्वामी के मुद्दे को लेकर पत्रकार ने जब कहा कि सपा में क्या दो विचारधाराएं चल रही हैं। इस पर राम गोपाल यादव ने कहा, ” नहीं ऐसा है कि ये जो राजनीतिक दल होते हैं जो बिल्कुल जिनमें इतनी शक्ति होती है कि आदमी का मुँह नहीं खोल सकता वो अलग बात है वरना राजनीतिक दल जो हैं वो भोले शंकर की बारात की तरह होते इसमें बहुत अच्छे भी लोग होते हैं और टेढ़े-मेढ़े लोग भी होते हैं। आगे उन्होंने कहा सबको ले के साथ चलना पड़ता है कभी-कभी सब काम आ जाते हैं।

आज़म के बेटे की सदस्यता जाने के मामले में उन्होंने कहा, “अब वो कानून ऐसा है कि अगर दो साल या उससे ज्यादा की सजा किसी की हो जाती है तो उसकी सदस्यता चली जाएगी। उम्मीद है कि उच्च न्यायालय में ये दोनों ही मामले ऐसे हैं जो कहीं ठहरेंगे नहीं ऐसा है कि पहले हम लोग रोज आंदोलन करते थे कोई देखने में नहीं जाता तो क्या हुआ सब खत्म हो जाते हैं क्योंकि गवर्नमेंट की understanding थी।

उन्होंने आगे कहा, “हमें मौलिक अधिकार है हम अपना विरोध व्यक्त कर सकते हैं हम तोड़फोड़ करें किसी की मारपीट करें मुकदमा कम होना चाहिए। लेकिन विरोध करने का अधिकार राजनैतिक दलों को है fundamental में तक लिखा हुआ है कि हम शांतमय तरीके से procession या जो प्रदर्शन वगैरह वो कर सकते हैं। peacefully and without arms ये fundamental right उसे क्यों नहीं रोक सकता है मानसिकता लोगों की हो गई ऐसी कि साहब मुकदमा करेंगे तो सजा भी कर दें।

उस वक्त में जो नेता थे उस वक्त हमारी party से MP थे अब वो BJP से MP है अभी तक एक एक साल की सजा सबकी कहते वो तो गनीमत है एक एक साल की दो साल की होती तो सदस्यता चली जाती हमारे भी कुछ नेता है पर BJP ही चले गए तो उस वक्त हमारे साथ तो ये पहले कभी होता नहीं था अब न्यायपालिका के बारे में कुछ कहना नहीं चाहता सामान्य बातों पर भी अगर सजा करने लगेंगे तो लोगों का भरोसा नहीं रहेगा।

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