मायावती के ट्वीट पर स्वामी का जवाब, कहा – ‘उन्होंने जमीनीं हकीकत नहीं समझा, वरना ना देतीं ऐसा बयान’

स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा, "अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश जैसे एक बड़े राज्य के मुख्यमंत्री रहने के बाद जब कालीदास मार्ग छोड़ते हैं तो उसे ऐसे ही धर्म की नौटंकी करने वाले लोगों के द्वारा गौमुत्र और गंगाजल से धुलावाया जाता है. क्या गौमुत्र पूर्व सीएम अखिलेश यादव से ज्यादा महत्वपूर्ण था. इसलिए मायावती ने अगर इस इतिहास को सही मायने में जमीनीं हकीकत पर समझा होता तो वो इस प्रकार का बयान नहीं दी होतीं."

रामचरितमानस विवाद को लेकर सियासत जोरों पर है. शुक्रवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी पर बड़ा हमला बोला. बसपा अध्यक्ष मायावती ने शुद्र शब्द को लेकर सपा पर पलटवार किया. मायावती ने ट्वीट कर कहा कि कमजोर और उपेक्षित वर्ग के लिए संविधान है. बाबा साहेब ने ऐसे लोगों को SC/ST, OBC की संज्ञा दी. इसलिए इन्हें शूद्र कहकर सपा अपमान न करे और संविधान की अवहेलना न करे.

मायावती के इस ट्वीट के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और सपा MLC स्वामी प्रसाद मौर्या ने प्रेस कांफ्रेंस किया. शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि संविधान ही सबसे बड़ा धर्म है. भारतीय संविधान पूज्य है. सबसे बड़ा धर्म ग्रन्थ संविधान है. उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया था.

स्वामी प्रसाद मौर्या ने भाजपा पर भी जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जाति को लेकर उनका अपमान किया. उन्होंने भाजपा पर जाति के आधार पर भेदभाव का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर दुनिया के सबसे बड़े विद्वान थे. बावजूद इसके केवल जाति के आधार पर उनसे भेदभाव किया जाता था.

स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा, “अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश जैसे एक बड़े राज्य के मुख्यमंत्री रहने के बाद जब कालीदास मार्ग छोड़ते हैं तो उसे ऐसे ही धर्म की नौटंकी करने वाले लोगों के द्वारा गौमुत्र और गंगाजल से धुलावाया जाता है. क्या गौमुत्र पूर्व सीएम अखिलेश यादव से ज्यादा महत्वपूर्ण था. इसलिए मायावती ने अगर इस इतिहास को सही मायने में जमीनीं हकीकत पर समझा होता तो वो इस प्रकार का बयान नहीं दी होतीं.”

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