जैसा कि व्यापक रूप से अपेक्षित था, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को नीतिगत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 50 आधार अंक (बीपीएस) बढ़ाकर 4.90 प्रतिशत कर दिया। रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं। उच्च रेपो दर से उधारकर्ताओं के लिए ऋण महंगा हो जाएगा,
जिससे उनके ईएमआई बोझ में वृद्धि होगी। बता दे कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) या दर निर्धारण पैनल ने मई में एक ऑफ-साइकिल बैठक में रेपो दर में बेसिस अंकों 0.40 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.4 प्रतिशत कर दिया था। मौद्रिक नीति वक्तव्य देते हुए, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी ने नीति रेपो दर को बढ़ाने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया।
रेपो दर में वृद्धि के बाद, स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 4.65 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 5.15 प्रतिशत तक समायोजित हो गई है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगे कहा कि यूरोप में युद्ध जारी है और अर्थव्यवस्था हर गुजरते दिन के साथ नई चुनौतियों का सामना कर रही है जो आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान को बढ़ा रही है। इसलिए एमपीसी ने यह निर्णय लिया।