चुनाव आयोग को समाजवादी पार्टी ने सौंप ज्ञापन, वोटर लिस्ट से नाम काटने का लगाया आरोप

यूपी में हो रहे उपचुनाव में आज केंद्रीय निर्वाचन आयोग से शिकायत करने के लिए सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो.रामगोपाल यादव आज दिल्ली पहुंचे। रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग से मिलकर उत्तर प्रदेश में सरकारी मशीनरी

यूपी में हो रहे उपचुनाव में आज केंद्रीय निर्वाचन आयोग से शिकायत करने के लिए सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो.रामगोपाल यादव आज दिल्ली पहुंचे। रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग से मिलकर उत्तर प्रदेश में सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल और निष्पक्ष चुनाव को लेकर यूपी सरकार की शिकायत की। उन्होन अपनी शिकायत में कहा कि बड़े पैमाने पर उन मतदाताओं के नाम जो 2022 के विधानसभा चुनाव में मतदाता थे और जिन्होंने वोट डाला था, उनमें से बहुतों के नाम के आगे डिलीटेड लिख दिया गया है, जो अधिकारी इसके लिये जिम्मेदार हैं, निर्वाचन आयोग तत्काल ऐसे लोगों को निलम्बित करने की कार्यवाही करे ताकि मतदाताओं के मौलिक अधिकारों की रक्षा हो सके।

एस०पी०, एस०एस०पी० सहित सी०डी०ओ० पर लगाए आरोप
सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो.रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग को बताया कि प्रधानों, कोटेदारों और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को धमकाने वाले बी०जे०पी० को वोट न देने पर जेल भेजने की धमकी देने वाले मैंनपुरी और इटावा के डी०एम०, एस०एस०पी० और मैंनपुरी के सी०डी०ओ० को तत्काल इटावा और मैनपुरी जिलों से हटा दिया जाये। उन्होने कहा एस०एस०पी० एटा, एस०एस०पी० अलीगढ़ और एस०पी० हाथरस द्वारा जाति और धर्म के आधार पर मैंनपुरी के निर्वाचन में जो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी है वह एक गम्भीर अपराध है। इस अपराध के लिये इन अधिकारियों को तत्काल निलम्बित किया जाये और इनके द्वारा बनायी गयी सूची को रद्द करते हुए दूसरी सूची को तैयार करके पुलिसकर्मियों की बिना किसी भेदभाव के ड्यूटी लगायी जाये।

लोगों को नही बनने दिया जा रहा पार्टी का एजेन्ट
रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग को सौपें गए ज्ञापन में कहा कि इटावा और मैंनपुरी जिले में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं खासतौर से जो बूथ प्रभारी हैं या चुनाव के दिन पार्टी का एजेन्ट बन सकते हैं, उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर 107/16 के अधीन नोटिस जारी किये जा रहे हैं और गिरफ्तार करने के बाद बेलेबिल ऑफेंस होने के बाद भी जमानत नहीं दी जा रही है और थाने में बैठाये रखते हैं। सैकड़ों कार्यकर्ताओं से 5 हजार रूपये से लेकर 20 हजार रूपये तक की रिश्वत लेकर उन्हें छोड़ा भी गया है। मंशा प्रशासन की यह है कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता एजेन्ट न बन सकें। इसी तरह बी०जे०पी० के कार्यकर्ता बिना अनुमति के गाड़ियों पर झण्डा लगाये हुए पूरे क्षेत्र में घूम रहे हैं लेकिन अन्य लोग जिनके पास कोई भी चुनाव की सामग्री नहीं है, झण्डा-बैनर या प्रचार की कोई भी सामग्री न होने पर भी आर०सी० में सिर्फ यादव लिखा होने पर गाड़ियाँ सीज की जा रहीं हैं। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता जो बाहर से आये हुए हैं, उनको होटलों में, ढाबों पर या किसी के घर पर भी रूकने नहीं दिया जा रहा है, उनको अपमानित करके भगाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि 03 दिसम्बर-2022 को शाम 5 बजे तक किसी को भी हटाया नहीं जा सकता है।

जाती पूछ कर लगई गई ड्यूटी
रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग को सौपें गए ज्ञापन में कहा कि एटा व अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और हाथरस के पुलिस अधीक्षक द्वारा जो पुलिस बल चुनाव ड्यूटी पर मैंनपुरी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र में लगाया गया है, उनको जाति और धर्म के आधार पर बाँटने का काम किया गया है। मुझे बहुत अफसोस के साथ लिखना पड़ रहा है कि पुलिस के उप निरीक्षकों, हैड कॉस्टेबलों और सिपाहियों की ड्यूटी जाति पूछकर लगायी गयी है। यादव और मुसलमान पुलिसकर्मियों को ड्यूटी से अलग रखा गया है। इन अधिकारियों की यह कार्यवाही पुलिस की निष्पक्षता पर गम्भीर प्रश्नचिन्ह लगाती है। साथ ही पुलिस बल में आपसी मतभेद पैदा करके आगे चलकर एक गम्भीर संकट पैदा करने का काम भी कर सकती है जो जनहित और राज्यहित के खिलाफ है।

2022 की मतदाता सूची को माना जाए अंतिम मतदाता सूची
रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग को सौपें शिकायत पत्र में कहा कि बड़े पैमाने पर उन मतदाताओं के नाम जो 2022 के विधानसभा चुनाव में मतदाता थे और जिन्होंने वोट डाला था, उनमें से बहुतों के नाम के आगे डिलीटेड लिख दिया गया है, जो अधिकारी इसके लिये जिम्मेदार हैं, निर्वाचन आयोग तत्काल ऐसे लोगों को निलम्बित करने की कार्यवाही करे ताकि मतदाताओं के मौलिक अधिकारों की रक्षा हो सके। मैंनपुरी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के उप चुनाव में बड़े पैमाने पर वोट काटने की सूचनाएँ जगह-जगह से आ रही हैं कि विधानसभा चुनाव-2022 में जिन लोगों ने वोट डाले थे उनके वोट काटे जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी की निर्वाचन आयोग से माँग है कि मैंनपुरी लोक सभा के उप चुनाव के लिये उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की मतदाता सूची को ही अंतिम मतदाता सूची मानी जाये । केवल उन्हीं वोटों को काटा जाये जिनकी मृत्यु हो चुकी है।

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