तड़पती रही बेटी, खाली सिलेंडर के सहारे दिया जाता रहा आक्सीजन, डाक्टरों की लापरवाही बन गई काल!

मृतिका की मां ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उनके रहते हुए भी अस्पताल प्रशासन शव ले जाने की अनुमति नहीं दे रहा था. अस्पताल प्रशासन पीड़िता से इलाज के पैसे मांग रहा था इसके बाद ही डेड बॉडी ले जाने की अनुमति देने की बात कही. पीड़िता की मां ने अस्पताल प्रशासन से उनकी बेटी का शव देने की गुहार लगाई है, लेकिन अस्पताल पैसे लेने पर अड़ा हुआ है और पुलिस बिना कार्रवाई किए अस्पताल प्रशासन और परिजनों के बीच समझौता कराने पर.

संतकबीर नगर स्थित सिटी लाईफ अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही ने एक महिला की जान ले ली. जिले में हॉस्पिटल संचालकों के हौसले बुलंद हैं जिसके चलते लोगों की जान से खिलवाड़ हो रहा हैं. सिटी अस्पताल संतकबीर नगर में गुरूवार को खाली सिलेंडर से ऑक्सीजन दिए जाने के कारण महिला की मौत हो गई. डॉक्टरों की लापरवाही ने महिला की जान ले ली. मृतिका की मां ने बताया उनकी लड़की को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी तो उन्होंने उसे अस्पताल में भर्ती कराया था.

सिटी लाईफ अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मृतिका मरीज का इलाज चल रहा था. इसी बीच मरीज की हालत बिगड़ती है और उसे ऑक्सीजन की दरकार होती है. मृतिका की मां नर्स को बुलाती है, लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर में पहले से ही गैस खत्म हो जाने के कारण बेटी दम तोड़ देती है. मृतिका की मां ने बताया घटना के बाद उन्होंने 112 कॉल करके पुलिस से सहायता मांगी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स ने कार्रवाई ना करते हुए मामले को रफा-दफा कराना चाहा. पुलिस दो घंटों तक अस्पताल प्रशासन और परिजनों के बीच सुलह-समझौता कराने का इंतजार करती रही. मामले को दबाने की पूरी कोशिश की गई.

मृतिका की मां ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उनके रहते हुए भी अस्पताल प्रशासन शव ले जाने की अनुमति नहीं दे रहा था. अस्पताल प्रशासन पीड़िता से इलाज के पैसे मांग रहा था इसके बाद ही डेड बॉडी ले जाने की अनुमति देने की बात कही. पीड़िता की मां ने अस्पताल प्रशासन से उनकी बेटी का शव देने की गुहार लगाई है, लेकिन अस्पताल पैसे लेने पर अड़ा हुआ है और पुलिस बिना कार्रवाई किए अस्पताल प्रशासन और परिजनों के बीच समझौता कराने पर.

बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब सिटी हॉस्पिटल में डॉक्टर की लापरवाही से किसी मरीज की मौत हुई है. कार्रवाई न होने से हॉस्पिटल संचालकों के हौसले बुलंद है. प्राईवेट अस्पताल मनमानी वसूली का अड्डा बने हुए हैं. इस घटना के पहले भी ऐसी लापरवाही हो चुकी हैं लेकिन सूचना के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. सिटी हॉस्पिटल के कर्मी पैसे के लिए शव को जबरदस्ती रोके रहें. बेटी की मौत के बाद पीड़ित परिवार पर समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है. मृतिका के परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई है.

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