सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की नियुक्ति को केंद्र से हरी झंडी, कॉलेजियम ने की थी इन जजों के नाम की सिफारिश

केंद्र सरकार ने दो महीने की देरी के बाद शनिवार को न्यायपालिका और सरकार के बीच जारी खींचतान के बीच पांच न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी. जजों की नियुक्ति का मामला पुराना है. पिछले साल 13 दिसंबर को कोलेजियम ने कुछ जजों के नामों की अनुशंसा की थी. जिसके बाद जजों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार और न्यायपालिका के बीच खींचतान की बात सामने आई थी.

केंद्र सरकार ने दो महीने की देरी के बाद शनिवार को न्यायपालिका और सरकार के बीच जारी खींचतान के बीच पांच न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी. जजों की नियुक्ति का मामला पुराना है. पिछले साल 13 दिसंबर को कोलेजियम ने कुछ जजों के नामों की अनुशंसा की थी. जिसके बाद जजों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार और न्यायपालिका के बीच खींचतान की बात सामने आई थी.

बहरहाल, कोलेजियम द्वारा सुझाए गए पांच न्यायाधीशों की नियुक्ति को केंद्र ने मंजूरी दे दी है. कोलेजियम द्वारा बीते दिसंबर के महीने में हाई कोर्ट के तीन मुख्य न्यायाधीशों और दो जजों के नाम सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए भेजे गए थे. जिसे शनिवार को केंद्र ने मंजूरी दे दी. इसके साथ ही अब से शीर्ष अदालत में जजों की कुल संख्या 32 हो जाएगी.

इन जजों को सुप्रीम कोर्ट में मिली नियुक्ति

न्यायमूर्ति पंकज मित्तल : साल 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और मेरठ कॉलेज से एलएलबी पास करने के बाद, न्यायमूर्ति पंकज मित्तल ने 1985 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस किया है. जनवरी 2021 में, उन्हें जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था.

न्यायमूर्ति संजय करोल : जस्टिस संजय करोल को 11 नवंबर, 2019 को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. इससे पहले, उन्होंने त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया था. न्यायमूर्ति करोल ने त्रिपुरा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पैट्रन-इन-चीफ के साथ-साथ त्रिपुरा न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है.

न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा : जस्टिस मिश्रा साल 1988 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक किया और 12 दिसंबर 1988 को एक वकील के रूप में नामांकित हुए. इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दीवानी, राजस्व, आपराधिक और संवैधानिक पक्षों में प्रैक्टिस करने के बाद, उन्हें 21 नवंबर साल 2011 में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. इसके बाद उन्होंने 06 अगस्त, 2013 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली.

न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह : जस्टिस अमानुल्लाह को 20 जून, 2011 को पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और फिर 10 अक्टूबर, 2021 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया. फिर उन्हें पिछले साल 20 जून को पटना उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था.

न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार: इन्होने साल 2021 में मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और इससे पहले वो पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे. उनका जन्म 14 अगस्त, 1963 को दिवंगत पी. रामचंद्र रेड्डी के घर हुआ था, जो आंध्र प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता (1969 से 1982) थे.

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