सुप्रीम कोर्ट ने कहा कोरोना पीड़ितों को मुआवजे के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाए सरकार

रिपोर्ट- अवैस उस्मानी

कोरोना से मौत के मामले में परिवार वालों को उचित मुआवजा देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र, हरियाणा, केरला, जम्मू कश्मीर, तेलंगाना समेत कई राज्यों को नोटिस जारी कर हल्फ़नामा दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते हुए कहा आम लोगों को पता ही नहीं है कि अधिकारी कौन है? किससे मिलना है? मुआवज़े की प्रक्रिया क्या है? आपको मुआवज़े के लिए ऑनलाईन पोर्टल बनना चाहिए, अगर मुआवज़े की ऑनलाइन व्यवस्था होगी तो लाभार्थियों की संख्या भी बढ़ेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केरला ने ऑनलाइन पोर्टल बनाया है, नाबालिग कैसे उसपर आवेदन करेगा? उनका क्या जिन्होंने माता पिता दोनों को खोया है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक बात बहुत ही चौंकाने वाली बात यह है कि आंध्र प्रदेश ने एक समिति बनाई है, हम इसके खिलाफ थे, गुजरात में चौंकाने वाली बात है कि लाभार्थियों की संख्या भी कम है। सुप्रीम कोर्ट ने इस गंभीर परिस्थिति में इन राज्य सरकारों की उदासीनता पर असंतोष और नाराजगी भी जताई।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा लोगों को अधिकारी के पास पहुंचने में भी मुश्किल आती है, गांवों के लोगों को जिला मुख्यालय जाना मुश्किल होता है, बीच में बिचौलिए आ जाएंगे, इन चुनौतियों और मुश्किलों को भी ध्यान में रखा जाए। आप मुआवज़े के लिए ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था कर। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कोरोना से मौत के मुआवज़े के लिए दो हफ्ते में ऑनलाईन पोर्टल की व्यवस्था की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट मामले की 6 दिसंबर को सुनवाई करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि असम, बिहार, चंडीगढ़, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, झारखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा जैसे कोरोना प्रभावित राज्यों ने मुआवजे की भरपाई और अन्य योजनाओं के बारे में केंद्र सरकार को कोई जानकारी नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा बहुत से लोग हैं जिन्होंने कोरोना में अपने रिश्तेदार खोए हैं। वह अभी भी मुआवजे की योजना के बारे में नहीं जानते हैं। इसके लिए सरकारों को व्यापक प्रचार करना चाहिए।

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