मोदी कैबिनेट में होगा बदलाव ! पुराने साथियों को NDA में फिर लाने की कवायद शुरू, जल्द आ सकती है बड़ी खबर !

मोदी कैबिनेट में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट राजनैतिक हलकों में शुरू हो गई है. भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा नेशनल डेमोक्रेटिक एयरलाइंस (NDA) के पुराने सहयोगी दल जैसे कि… शिरोमणि अकाली दल, टीडीपी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख के साथ बातचीत कर रहे हैं. इन सभी दलों के साथ राजनैतिक साझेदारी तय होने के बाद ही मोदी कैबिनेट में फेरबदल होगा.

नई दिल्ली; मोदी कैबिनेट में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट राजनैतिक हलकों में शुरू हो गई है. भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा नेशनल डेमोक्रेटिक एयरलाइंस (NDA) के पुराने सहयोगी दल जैसे कि… शिरोमणि अकाली दल, टीडीपी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख के साथ बातचीत कर रहे हैं. इन सभी दलों के साथ राजनैतिक साझेदारी तय होने के बाद ही मोदी कैबिनेट में फेरबदल होगा.

खबरों के मुताबिक कल बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ मुलाकात की थी. जिन केंद्रीय मंत्रियों ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की…उनमें से प्रमुख रूप से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, श्रम और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पृथ्वी और विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल का नाम शामिल है. सूत्रों का कहना है कि इन मंत्रियों को भाजपा ने कई राज्यों की चुनावी जिम्मेदारी सौंपी है.

साथ में यह भी माना जा रहा है कि कुछ राजनैतिक दल आनौचारिक रूप से एनडीए में शामिल हो सकते हैं. भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती. इसीलिए कुछ दलों को एनडीए में शामिल कराने की जिम्मेदारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी सौंपी जा सकती है. राजनाथ सिंह के पास केंद्र में काम करने का कई वर्षों का अनुभव है, और उनके संबंध कई दलों से अच्छे हैं. इसको देखते हुए पीएम मोदी व गृह मंत्री उन्हें भी बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकते हैं.

इसके अलावा भाजपा महाराष्ट्र की राजनीति पर भी नजर बनाए हुए है. एनसीपी में फूट होने के बाद अजित पवार गुट एनडीए में शामिल हो गया है. जिससे शिंदे गुट के कई विधायक नाराज चल रहे हैं. बीजेपी ने इन विधायकों को समझाने की जिम्मेदारी देवेन्द्र फडनवीस को सौंपी है. महाराष्ट्र में लोकसभा की  48 सीटे हैं. जिसको देखते हुए भाजपा वहां अपनी जमीन को और अधिक मजबूत करना चाहती है. ताकि अन्य राज्यों में अगर नुकसान होता है तो महाराष्ट्र से उसकी भरपाई की जा सके.

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