Turkey-Syria Earthquake: मलबे के नीचे दम तोड़ रहीं जिंदगियां, मरने वालों का आकड़ा 15000 पार

मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं। बचावकर्मी बुरी तरह से प्रभावित कुछ इलाकों तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

तुर्की और सीरिया में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। अभी भी बहुत से लोग मलबे में दबे हुए हैं। रेस्कयू ऑपरेशन में ठंड और बर्फबारी बहुत बड़ी बाधा बनी हुई है। भूकंप में मरने वालों की संख्या 15,000 को पार कर गई है। मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि कई लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं। बचावकर्मी बुरी तरह से प्रभावित कुछ इलाकों तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

सोमवार से पांच बैक-टू-बैक भूकंप ने तुर्की और सीरिया में 15,000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है और हजारों घायल हो गए हैं। ठंड के मौसम में मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए बचावकर्मी लगे हुए हैं। भारत ने सोमवार के विनाशकारी भूकंप के बाद तुर्की और सीरिया को सहायता देने के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ शुरू किया। राहत प्रयासों में मदद के लिए भारत ने अब तक अपने ऑपरेशन दोस्त के तहत छह उड़ानें भेजी हैं। भारत ने भारतीय वायु सेना के सी-130 जे विमान पर सीरिया के लिए राहत सामग्री भी भेजी। पोर्टेबल ईसीजी मशीन, रोगी मॉनिटर और अन्य आवश्यक चिकित्सा वस्तुओं सहित आपातकालीन दवाएं और उपकरण सीरिया भेजे गए।

भारतीय सेना ने तुर्की के हटे प्रांत के इस्केंडरन में एक फील्ड अस्पताल स्थापित किया है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, फील्ड अस्पताल भूकंप से प्रभावित लोगों का इलाज करेगा। उन्होंने कहा, भारतीय चिकित्सा और महत्वपूर्ण देखभाल विशेषज्ञों और उपकरणों की एक टीम आपात स्थिति के इलाज की तैयारी कर रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, यह ऑपरेशन थिएटर, एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर आदि के साथ 30 बिस्तरों वाली पूरी तरह से सुसज्जित चिकित्सा सुविधा होगी।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सीरिया के अंदर लगभग 11 मिलियन लोग भूकंप से प्रभावित हुए हैं और उनमें से 4 मिलियन लोग साफ पानी और भोजन जैसी बुनियादी मानवीय जरूरतों के लिए सहायता एजेंसियों पर निर्भर हैं। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने बुधवार को कहा कि मौसम की स्थिति ने भूकंप से होने वाले विनाश की भयावहता को बढ़ा दिया है। एर्दोगन ने सोमवार को आए भूकंप के केंद्र के पास अपनी यात्रा के दौरान यह टिप्पणी की। सीएनएन ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के हवाले से कहा, “बेशक, कमियां हैं। स्थितियां स्पष्ट हैं। ऐसी आपदा के लिए तैयार रहना संभव नहीं है। हम अपने किसी भी नागरिक की उपेक्षा नहीं करेंगे।

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