आजादी के अमृत महोत्सव के तहत बढ़ी तिरंगे की मांग, कितने का हुआ कारोबार…

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा अभियान को देखते हुए राष्ट्र ध्वज की मांग और बिक्री दोनों ही बढ़ गई है। राष्ट्र ध्वज संहिता में संशोधन के बाद खादी के साथ अब खादी के पॉलिस्टर, सिल्क के झंडे फहराने की अनुमति भी सरकार ने दे दी है।

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा अभियान को देखते हुए राष्ट्र ध्वज की मांग और बिक्री दोनों ही बढ़ गई है। राष्ट्र ध्वज संहिता में संशोधन के बाद खादी के साथ अब खादी के पॉलिस्टर, सिल्क के झंडे फहराने की अनुमति भी सरकार ने दे दी है।

खादी के झंड़े को लेकर लोगों में खासा क्रेज देखा जा रहा है। नैनीताल, खटीमा, काशीपुर, हल्द्वानी,रुद्रपुर के खादी आश्रम सेंटर से कुल मिलाकर अब तक दस लाख रुपये के झंड़े बिक चुके हैं वहीं बात करें हल्द्वानी सेंटर की तो प्रतिदिन 30  से 40  झंड़े बिक रहे हैं।

हल्द्वानी गांधी आश्रम के व्यवस्थापक अभय कुमार वर्मा का कहना है कि बिक्री सेंटर में 230 रुपए से लेकर तीन हजार तक के झंड़े मौजूद हैं। झंडों की मांग इतनी है कि दो हजार झंड़ों का और आर्डर दिया गया है जो कि मेरठ, हुबली कर्नाटक, नादेढ़ महाराष्ट्र,गांधी नगर से मंगवाए जा रहे हैं क्योंकि यहां निर्मित झंडे़ ही भारत मानक ब्यूरो के अनुसार बनाए जाते हैं।

उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार खादी आश्रम करीब पंद्रह लाख के झंड़ों की बिक्री करेगा। आम आदमी की पहली पसंद भी इस बार खादी के झंड़े ही हैं,  बाजार भी पंद्रह अगस्त के लिए तैयार है और बच्चों के लिए तरह-तरह के सामान लेकर आया है। वहीं बाजार में बिकने वाले पॉलीस्टर, पेपर के झंडे़, पोस्ट ऑफिस में बिकने वाले झंड़ों की सेल को मिलाकर देखा जाए तो इस बार अकेले हल्द्वानी में झंड़ों का कारोबार बीस से तीस लाख तक जाने की उम्मीद है।

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