यूपी चुनाव का काउंटडाउन शुरू होने के साथ राजनैतिक दलों ने सियासी जातिगत समीकरण बैठाना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आज कई ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधियों ने भेंट किया और उन्हें अपने समर्थन का भरोसा दिलाया। उन्होंने सपा प्रमुख को उनकी बाते धैर्य से सुनने और मांग पत्र में दी गई मांगों को पूरा करने का आश्वासन देने के लिए धन्यवाद दिया।
ब्राह्मण समाज ने अपने मांग पत्र में कहा है कि भगवान परशुराम की जयंती पर पूर्व में दिए गए सार्वजनिक अवकाश को पुनः बहाल किया जाए। ब्राह्मण हितों की सुरक्षा के लिए ब्राह्मण आयोग का गठन किया जाए। संस्कृत, कर्मकाण्ड, ज्योतिष के शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाए। मांग पत्र में आगे कहा गया है कि केन्द्र सरकार द्वारा सवर्णों को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण का उचित अनुपालन सुनिश्चित हो और गरीब सवर्णों को भी सभी जरूरी सुविधाएं दी जाए।
अखिलेश यादव से मिले ब्राह्मण संगठनों ने मंदिर में कार्यरत पुजारियों को जीवन यापन भत्ता देने की मांग की। उन्होंने परशुराम जन्मस्थली का सुंदरीकरण और उसको तीर्थस्थल घोषित करने की भी मांग की। इसके आलावा ब्राह्मण समाज का उत्पीड़न बंद करने की मांग तथा ब्राह्मण बेटी खुशी दुबे को रिहा कर उस पर लगे झूठे मुकदमों को वापस लेने की भी मांग को मांग पत्र में प्रमुखता से जगह दी गई है।
ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधिमण्डल की मांग पर अखिलेश यादव ने उन्हें आश्वासन दिया कि समाजवादी सरकार बनने पर संस्कृत शिक्षकों का सम्मान होगा। मंदिरों का संरक्षण होगा। काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों सहित मंदिरों के अन्य पुजारियों को भी मानदेय दिया जाएगा। रामायण के कलाकारों को भी मानदेय देंगे।
अखिलेश ने ब्राह्मण प्रतिनिधिमंडल को यह भी आश्वासन दिया कि उनकी सरकार बनने पर ब्राह्मणों सहित सभी लोगों पर लगे फर्जी मुकदमें वापस लिए जाएंगे। समाजवादी सरकार बनने पर पुरोहितों को भी मानदेय दिया जायेगा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से भेंट करने वाले ब्राह्मण प्रतिनिधियों में विधायक विनय शंकर तिवारी, विप्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा (ब्रह्म समर्पित) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नानक चंद्र शर्मा, महामंत्री ब्राह्मण संघ हरीश शर्मा, ओम ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनंजय द्विवेदी, ब्राह्मण परिषद के अध्यक्ष के.पी. शर्मा सहित ब्रह्मदेव शर्मा, अशोक पाण्डेय, डॉ0 साधना मिश्रा, सुधांशु पाठक, प्रवीण शर्मा, गौतम आदि लोग शामिल रहे।