
यूपी की बीजेपी सरकार में मेरठ के डीएम और एसएसपी एक कांग्रेस नेता के इशारे पर महीनों से कठपुतली बने हुए है. झूठी एफआईआर पर इन अफसरों ने एक ऐसे परिवार को गैंगस्टर बनाया है जो किसी वारदात में शामिल ही नही था. कांग्रेस नेता की एफआईआर पुलिस जांच में झूठी साबित हो चुकी है. 6 गैंगस्टरों की लिस्ट में एक महिला भी है जो 20 साल से तमाम बीमारियों के चलते बिस्तर पर पड़ी है. लेकिन बड़े अफसर भी बेबस होकर यह अत्याचार देख रहे है.
तमाम बीमारियों के चलते 53 साल की अलीशा का वजन डेढ़ सौ किलो हो गया है. उन्हें गैंगरीन है. उनके पूरे शरीर पर जख्म है. फेपड़ों के इन्फैक्शन के चलते वह इस बीमारी की दवा नही खा सकती. उनकी एक आंख की रोशनी चली है और वह 20 साल से इसी तरह बिस्तर पर है. उन्हें उठाने के लिए दो मजबूत लोगो की जरूरत होती है. लेकिन उनका आगे का परिचय आपके पैरो तले जमीन खिसका देगा. चलने-फिरने से लाचार अलीशा मेरठ के देहलीगेट थाने की गैंगस्टर है और उन्हें यह तमगा दिया है मेरठ के डीएम दीपक मीणा और एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने.
अलीशा का गुनाह यह है कि उनके पति हनीफ ने मेरठ के कांग्रेस नेता नसीम कुरैशी को साढ़े 22 लाख रूपये दिये थे. पैसे वापस मांगे तो नेताजी ने उन्हें चेक दे दिये. चैक बाउंस हो गये तो हनीफ ने नसीम के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया. इसका बदला लेने के लिए नसीम कुरैशी ने हनीफ, उनके दो बेटों और पत्नी समेत 6 लोगो के खिलाफ नोटेरी एग्रीमेंट की फोटो कापी के आधार पर मुकदमा दर्ज करा दिया और उनके बेटे समेत दो लोगो को पुलिस ने जेल भेज दिया. मामला यही तक नही रूका. एक फर्जी मुकदमें के आधार पर हनीफ और उनके परिवार पर पुलिस ने गैंगस्टर भी लगा दिया है. नसीम कुरैशी राजस्थान के कांग्रेस नेता सचिन पायलट के करीबी है और सचिन पायलट का किस्मत कनैक्शन मेरठ के डीएम दीपक मीणा से है. यह आरोप गैंगस्टर की झूठी कार्रवाई झेल रहे हनीफ के है.