
शुक्रवार देर शाम यूपी के प्रयागराज में बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल पर बाइक सवार बदमाशों ने जानलेवा हमला किया. जिसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. इस गोलीकांड में उमेश पाल समेत उनके एक गनर की भी मौत हो गई. दरअसल राजू पाल हत्याकांड साल 2005 में यूपी के सबसे चर्चित हत्याकांडों में से एक रहा था.
राजू पाल तब बहुजन समाज पार्टी से विधायक थे. 25 जनवरी 2005 को बीएसपी के तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या हुई थी. इस मामले में बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसका छोटा भाई पूर्व विधायक अशरफ मुख्य आरोपी है. प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में ये सनसनीखेज वारदात हुई थी. राजू पाल हत्याकांड मामला न्यायिक विवेचना के अधीन है. न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने की एक लंबी श्रृंखला के बाद मामलें में हाईकोर्ट के आदेश पर ट्रायल कोर्ट का फैसला जल्द ही आना था.
इसी बीच हत्या कांड के मुख्य गवाह की गोली मार कर हत्या कर दी गई. बदमाशों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि दिनदहाड़े गवाह के ऊपर फायरिंग हुई. बदमाशों ने मुख्य गवाह को उसी के घर में घुसकर और दौड़ाकर गोली मारी है. उन्होंने बमबारी भी की है. गोलीबारी की सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि बेखौफ बदमाश दिनदहाड़े दौड़ा कर गोली मार रहे हैं.
बहरहाल, देर शाम ताबड़तोड़ फायरिंग और देसी बमों से किये गए जानलेवा हमले में उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे. जिन्हें आनन फानन में अस्पताल पहुंचाया गया. इलाज के दौरान उमेश पाल और उनकी एक गनर की मौत हो गई. हालांकि दूसरे सुरक्षाकर्मी का अभी इलाज जारी है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है.