Varanasi : ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष की पूरी हुई दलील, अब 12 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

धर्म की नगरी वाराणसी में आज ग्रीष्मावकाश के बाद ज्ञानवापी और मां श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई हुई. आज की सुनवाई में मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने अपनी दलील रखी. मुस्लिम पक्ष की बातों को सुनने के बाद जिला जज ने एक बार फिर इस पूरे मामले पर तारीख देते हुए 12 जुलाई की कार्यवाही सुनिश्चित की है.

Desk : धर्म की नगरी वाराणसी में आज ग्रीष्मावकाश के बाद ज्ञानवापी और मां श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई हुई. आज की सुनवाई में मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने अपनी दलील रखी. मुस्लिम पक्ष की बातों को सुनने के बाद जिला जज ने एक बार फिर इस पूरे मामले पर तारीख देते हुए 12 जुलाई की कार्यवाही सुनिश्चित की है.

गौर हो कि इससे पहले इस मामले में 30 मई को सुनवाई हुई थी जिसके बाद जिला जज ने 4 जुलाई की तारीख सुनिश्चित की थी। जिला जज की अदालत में आज बेहद ही गहमागहमी के बीच मुस्लिम पक्षकारों ने अपनी बातों को रखा. बीते 30 मई को मुस्लिम पक्ष ने 33 बिंदुओं पर अपनी बात रखी थी. बता दें कि मुस्लिम पक्ष को कुल 52 बिंदुओं पर दलील करना था जो आज पूरा हो गई. बावजूद उसके मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलील रखने के लिए कुछ और समय मांगा है. अब मामले की अगली सुनवाई 12 तारीख को होगी.

आज की बहस पूरी तरह से पोषणीयता पर रही ,यानी कि धार्मिक एक्ट के अनुसार ये केस आता है या नहीं. मुस्लिम पक्ष ने पूरे दबाव के साथ अपनी बातें रखीं. हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं का कहना है कि जैसे ही मुस्लिम पक्ष 12 तारीख को अपने पूरे लीगल प्रक्रिया पूरी कर लेती है वैसे ही वह अपनी बातों को कोर्ट के सामने रखेंगे. अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि हिंदू पक्ष के द्वारा जैसे ही अपनी बात रखने का समय मिलेगा वैसे ही सबसे पहले परिसर में एएसआई जांच की मांग की जाएगी.

आज ही कार्यवाही को लेकर मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने बताया कि आज पौषाणिकता के आधार को लेकर अपनी बातो को रखा गया , जिसमे जो शूट दाखिल किया गया है वह विरोधाभाषी है. धर्म के आधार पर इसे दाखिल करने की बात हिंदू पक्ष के द्वारा कही गई लेकिन वह भी गलत है. क्योंकि सिर्फ दो तरह के शूट फाइल होता है जिसमे एक सिविल राइट और दूसरा कॉन्स्टिट्यूशनल राइट होता है.

अगर धर्म के आधार पर उनके राइट के हनन होने की बात है तो सिविल राइट में यह शूट फाइल ही नही हो सकता. इन्होंने मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाने की बात कही है और मुस्लिमो के अवैध कब्जे की बात कह रहे है , तो वह बिना मुस्लिमो को बेदखल किए कैसे पूजा का अधिकार की मांग कर रहे है.जब तक मुसलमान बेदखल भी होंगे तो कैसी किसी को पूजा का अधिकार दिया जा सकता है. ऐसे में कोर्ट में पूरे प्वाइंट पर बात रखी गई है. 12 जुलाई को लीगल प्रवाधानो को कोर्ट के सामने रखा जाएगा.

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