कानून व्यवस्था का योगी मॉडल बना नजीर, पर्व और त्योहारों पर नहीं होते दंगे, संगठित अपराध हुए खत्म

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानून व्यवस्था को लेकर जीरो टॉलरेंस का परिणाम है कि अब प्रदेश में पर्व और त्योहारों पर दंगे नहीं होते हैं। संगठित अपराध भी समाप्त हो गया है

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कानून व्यवस्था को लेकर जीरो टॉलरेंस का परिणाम है कि अब प्रदेश में पर्व और त्योहारों पर दंगे नहीं होते हैं। संगठित अपराध भी समाप्त हो गया है। प्रदेश में हनुमान जयंती, रामनवमी और कांवड़ यात्रा के बाद अब दीपावली पर भी अमनचैन कायम रहा है। अयोध्या दीपोत्सव में लाखों लोग दूसरे जिलों और प्रदेशों से पहुंचे, लेकिन कोई अनहोनी नहीं हुई। कानून व्यवस्था के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे राज्यों के लिए नजीर पेश कर रहा है।

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के वर्ष 2021 की रिपोर्ट में साल 2021 में देशभर में कुल 378 दंगे हुए। इसमें सर्वाधिक 100 दंगे सिर्फ झारखंड में हुए हैं। दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र रहा, जहां 77 सांप्रदायिक दंगों के मामले दर्ज हुए हैं। वहीं, तीसरे स्थान पर बिहार में 51 मामले, हरियाणा में 40 मामले तथा राजस्थान और मध्य प्रदेश में 22-22 घटनाएं दर्ज की गई हैं। जबकि उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की सिर्फ एक घटना हुई।

ऐसे ही एनसीआरबी की रिपोर्ट में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में यूपी में 6.2 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि महिला अपराध में पहले नम्बर पर असम, दूसरे स्थान पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, तीसरे पर ओड़िसा, चौथे पर हरियाणा और पांचवें स्थान पर तेलंगाना है। इन राज्यों में प्रति एक लाख की आबादी पर क्रमशः 168.3, 147.6, 137.8, 119.7 और 111.2 मामले दर्ज हुए हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट यह भी बताती है कि उत्तर प्रदेश राज्य में दोष सिद्धि दर देश के अधिकांश अपराधों में सबसे अधिक है।

माफिया पर सिर्फ बुलडोजर नहीं चल रहा, सजा भी करा रही पुलिस
प्रदेश में माफिया के खिलाफ कार्रवाई दिनों दिन तेज होती जा रही है। यूपी पुलिस अपराधियों और माफिया पर कहर बनकर टूटी है। अब सिर्फ बुलडोजर ही नहीं चल रहा, बल्कि पुलिस कोर्ट में पैरवी कर माफिया के खिलाफ सजा भी करा रही है। शासन और पुलिस मुख्यालय स्तर पर चिह्नित 62 माफिया में से सात माफिया और 28 शागिर्दों को सजा दिलाई गई है। इन पर 13 मुकदमे थे।

देश में पहली बार रिकार्ड चार हजार करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति जब्त
पिछले साढ़े पांच साल में इनाम घोषित माफिया और अपराधियों की रिकार्ड चार हजार करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति को जब्त किया गया है। देश में माफिया के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई पहले कभी नहीं हुई है। पुलिस ने माफिया की 1420 करोड़ रुपए की सालाना अवैध कमाई भी बंद कराई है। प्रदेश स्तर पर 50 और यूपी पुलिस के मुख्यालय स्तर पर 12 माफिया चिह्नित हैं और पुलिस ने इनकी 21 सौ करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति को जब्त और ध्वस्त किया है। पुलिस ने माफिया के खिलाफ 428 मुकदमे दर्ज कर गैंग के 906 सदस्यों और सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की है और 436 अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

यूपी पुलिस हो रही हाईटेक, देश में होगी नंबर वन
सीएम योगी ने यूपी पुलिस को देश का नंबर एक पुलिस बनाने के लिए खजाना खोल दिया है। यूपी पुलिस को हाईटेक बनाने के लिए गृह विभाग सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। जल्द ही यूपी पुलिस बाडी वार्न कैमरा और फुल बाडी प्रोटेक्टर से लैस होगी। साथ ही प्रदेश के 10 जिलों में हाईटेक सोशल मीडिया मानिटरिंग सेल और लॉ एंड आर्डर क्यूआरटी टीम स्थापित की जाएगी। क्राइम सीन वीडियोग्राफी ऐप की मुजफ्फरनगर, बाराबंकी और अलीगढ़ में शुरूआत हो चुकी है। जल्द अन्य जिलों में भी शुरूआत होगी। अब यूपी पुलिस के सभी थानों में साइबर हेल्प डेस्क है। तकनीकी का इस्तेमाल कर यूपी हेल्प लाइन नंबर 112 के रिस्पांस टाइम को करीब नौ मिनट किया गया है। यूपी सरकार ने पुलिस के बजट में भी दुगुने की वृद्धि की है और 30,203 करोड़ रुपए हो गया है। प्रदेश में 244 थानों और 133 चौकियों की स्थापना की गई है।

माफिया जब्त संपत्ति

  • अतीक अहमद 959
  • मुख्तार अंसारी 448
  • देवेंद्र सिंह 111
  • यशपाल तोमर 94
  • दिलिप मिश्रा 32
  • ध्रुव सिंह 20
  • अनुपम दुबे 19.4
  • सुनील राठी 12
  • सुशील मूंछ 3.45

(नोट- आंकड़े करोड़ रुपए में हैं)

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