लखनऊ। उत्तर प्रदेश की ट्रैफिक पुलिस इन दिनों प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ियों से हूटर व प्रेशर हार्न हटाने का अभियान चला रही है। इसके लिए पुलिस हर जिले में चेकिंग अभियान चला रही है। पुलिस की चेकिंग के दौरान नियम के विपरीत पाये जाने वाले लोगों पर पुलिस कार्यवाही भी कर रही है।
बाराबंकी जिले में पुलिस चेकिंग के दौरान पुलिस ने IAS अधिकारी दिव्या सिंह की गाड़ी रोक ली।उनकी गाड़ी पर बत्ती व हूटर लगा हुआ था।चेकिंग के दौरान पुलिस हूटर पुलिस ने उतरवा लिया। इसके पश्चात एसएसपी ने बत्ती उतारने वाले दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया था।इस पूरे प्रकरण की खबर भारत समाचार ने प्रमुखता से चलाई थी।
बता दें कि IAS दिव्या सिंह बाराबंकी में ज्वाइंट मैजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत हैं। शहर के पटेल तिराहे पर उपनिरीक्षक विशुन कुमार शर्मा और उप निरीक्षक मनोज कुमार ड्यूटी दे रहे थे।
भारत समाचार पर प्रमुखता से खबर दिखाने के बाद बाराबंकी प्रशासन ने खबर का खंडन किया है। जिला सूचना अधिकारी बाराबंकी की ओर से इस खबर का खंडन किया गया है, पत्र में अधिकारी का नाम भी नही बताया है कि जिस गाड़ी का हूटर उतरवाया गया है उसमें कौन था और तैनाती कहां पर थी। यदि गाड़ी दिव्या सिंह नहीं तो किसकी गाड़ी थी ?किसके आदेश पर पुलिस वालों पर तत्काल एक्शन हुआ और उन्हें लाइन हाजिर किया गया?इस तथ्य को प्रेस नोट में क्यूं छिपाया गया? मुख्यमंत्री के आदेश का बाराबंकी प्रशासन पालना करने के बजाय अवहेलना क्यूं की गई ? अवैध बत्ती और हूटर हटाने वाले दोनों पुलिसकर्मियों पर खिलाफ एक्शन क्यूं हुआ ?
क्या मुख्यमंत्री के आदेश की अवहेलना करने वाले बाराबंकी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के खिलाफ सरकार एक्शन लेगी।
प्रशासन द्वारा जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि गाड़ी से हूटर व बत्ती उतारते समय कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था।