आबकारी विभाग में 544 करोड़ का टेंडर घोटाला, केवल OASYS के हिसाब से बनाया गया था टेंडर !

आबकारी महकमे से लगातार घोटाले सामने आ रहे हैं। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के संरक्षण में चल रहे आबकारी विभाग से दिन प्रतिदिन नए घोटालों का खुलासा हो रहा हैं

आबकारी महकमे से लगातार घोटाले सामने आ रहे हैं। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के संरक्षण में चल रहे आबकारी विभाग से दिन प्रतिदिन नए घोटालों का खुलासा हो रहा हैं। अब विभाग से 544 करोड़ रूपए का टेंडर घोटाला सामने आया हैं। जानकारी के मुताबिक अवैध शराब की बिक्री को सरकारी दुकानों से रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ट्रैकिंग सिस्टम लागू करने का फैसला किया गया था।

तत्कालीन आयुक्त गुरुप्रसाद ने 2020 में ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम के लिए दक्षिण भारत की अपनी एक जान पहचान वाली कंपनी को अप्रोच किया। लेकिन एक अधिकारी ने गुरु प्रसाद के खेल की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में की। इसी दौरान चेन्नई की ओएसिस कंपनी ने वर्तमान अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी को प्रभावित किया। जिसके बाद अपर मुख्य सचिव ने ओएसिस कंपनी को POS मशीन खरीदने का आश्वासन दिया।

POS मशीन खरीद की टेंडर प्रक्रिया दक्षिण भारत की कंपनी OASYS के अनुसार ही बनाई गई थी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से दोषपूर्ण रही है। इस निविदा में किसी अन्य सक्षम कंपनियों को पार्टिसिपेट नहीं करने दिया गया था। टेंडर प्रक्रिया में कुल 3 कंपनियों ने ही हिस्सा लिया था। जिसमें से OASYS ने धरोहर राशि जमा की। बाकी अन्य दो कंपनियों ने अर्नेस्ट मनी भी नहीं जमा की। इस तरह के टेंडर को फेयर नहीं कहा जा सकता हैं। फिर भी संजय भूसरेड्डी और आबकारी आयुक्त गुरुप्रसाद ने व्यक्तिगत रूप से लेते हुए OASYS को टेंडर दे दिया।

2 साल पूरे हो जाने के बाद आज भी POS मशीन नहीं लग पाई हैं। इन मशीनों के न लगने से हजारों करोड़ रूपए का घाटा हो चुका हैं।

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