लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से केंद्र में मोदी सरकार बनी है। मंत्रिमंडल का भी गठन हो चुका है। लेकिन स्पीकर को लेकर सियासत शुरू हो गई है। अब चर्चा में है कि विपक्ष स्पीकर के लिए अपना उम्मीदवार उतार सकती है। लेकिन डिप्टी स्पीकर का पद मिल जाता है, तो अपना उम्मीदवार नहीं उतारेंगे।
स्पीकर को लेकर चर्चाओं का बाजार उसी समय गर्म हो चुका गया था, जब एनडीए के घटक दल टीडीपी ने एक मंत्री और स्पीकर का पद मांगने की बात सामने आई थी। इसके बाद से विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रही है। उनका कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद निष्पक्ष होना चाहिए। यह किसी एक पार्टी का नहीं होना चाहिए।