डेटा सेंटर की समझ को लेकर लोगों को जागरूक करेगा AdaniConneX, इस दिवाली चलाएगा ये अभियान…

अडानी कोनेक्स के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, "डेटा ट्रांसफर की बारीकियों को खासतौर पर वे भी नहीं जानते जो उस पीढ़ी से आते हैं जहां वे एक टेलीफोन बूथ पर एक फोन कॉल करने के लिए घंटों इंतजार करते थे. तात्पर्य यह है कि यह कोई जादू नहीं है, बल्कि यह डेटा सेंटर का करिश्मा है जो सभी वर्चुअल डेटा के लिए एक भौतिक भंडारण इकाई की तरह कार्य करता है.”

भारत में त्योहारों का मौसम चल रहा है. एक तरफ जहां लोग त्योहारों को और खुशनुमा बनाने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग में लगे हुए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि खरीददारी की पूरी प्रक्रिया को कौन सी चीज आसान और परेशानी मुक्त बनाता है? जब आज हम वर्चुअल तरीके से अपने प्रियजनों के साथ वस्तुतः जुड़े रहना पसंद करते हैं, अलग-अलग शहरों और महाद्वीपों में इतनी दूर होने के बावजूद वर्चुअल तरीके से मुलाकातों का आनंद लेते हैं तो इसके पीछे एक वृहद कार्यप्रणाली लगती है.

इन सबके पीछे जो कार्यप्रणाली लगती है उसका सञ्चालन डेटा सेंटर्स से होता है. हालांकि यह बड़ी विडम्बना है कि लोग यह नहीं जानते कि डेटा केंद्र क्या हैं और उनका प्रभाव कितना बड़ा है? लोगों के दैनिक जीवन से जुड़े डेटा सेंटर्स इतने महत्वपूर्ण तकनिकी घटक हैं कि इसके बिना लोगों का तकनिकी जीवन बिल्कुल काम नहीं कर सकता.

लोगों को डेटा केंद्रों के दायरे और कार्य को समझने और समझाने के लिए अडानी कोनेक्स ने इस दिवाली एक नया अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य डेटा केंद्रों को लेकर लोगों की समझ को बढ़ाना और इसके बारे में लोगों को जागरूक करना है. “ज्यादातर लोग व्हाट्सएप, फेसबुक, मेल, यूट्यूब, ऑनलाइन शॉपिंग, ऑनलाइन बैंकिंग जैसे एप्लिकेशन को समझते हैं, लेकिन वे यह नहीं जानते हैं कि डेटा एक जगह से दूसरी जगह कैसे पहुंच रहा है.

अडानी कोनेक्स के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, “डेटा ट्रांसफर की बारीकियों को खासतौर पर वे भी नहीं जानते जो उस पीढ़ी से आते हैं जहां वे एक टेलीफोन बूथ पर एक फोन कॉल करने के लिए घंटों इंतजार करते थे. तात्पर्य यह है कि यह कोई जादू नहीं है, बल्कि यह डेटा सेंटर का करिश्मा है जो सभी वर्चुअल डेटा के लिए एक भौतिक भंडारण इकाई की तरह कार्य करता है.”

इस अभियान को शुरू करने के पीछे अडानी कोनेक्स का यह उद्देश्य था. इस लिहाज से अभियान के विज्ञापन को भी उसी सुगमता के साथ रचित किया गया है जो हममें से कई लोगों के मन में है कि ‘क्लाउड काम कैसे करता है?’ अडानी कोनेक्स के इस विज्ञापन की टैगलाइन है- ”इस दिवाली करे भारत को रोशन अदानी कोनक्स के साथ”

उसी की व्याख्या और सरलीकरण करते हुए, विज्ञापन में चरित्र प्रियांक कहते हैं कि- क्लाउड एक तकनीक है और इसे सुरक्षित और सुचारू रूप से चलाने के लिए भौतिक सुविधाओं की आवश्यकता होती है जिन्हें डेटा सेंटर कहा जाता है. वह आगे कहते हैं कि जो डेटा साझा, अपलोड और डाउनलोड किया जाता है, वे सभी इन डेटा केंद्रों में भौतिक रूप से सहेजे जाते हैं. तो डेटा सेंटर्स मूल रूप से सभी वर्चुअल डेटा के लिए वास्तव में एस्टोरेज हाउस है.

अडानी कोनेक्स के आधिकारिक प्रवक्ता ने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य लोगों को जागरूक करना और समझना है कि डेटा सेंटर कैसे काम करते हैं और आधुनिक डिजिटल अर्थव्यवस्था में उनका क्या महत्व है.”

डेटा सेंटर एक बुनियादी ढांचागत चमत्कार की तरह है जो भारत के डिजिटल विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. AdaniConneX इसे पूरे भारत में संचालित कर रहा है. डेटा सेंटर्स AdaniConneX, Adani Group और EdgeConneX के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जिसकी स्थापना भारत में डेटा सेंटर परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने के दृष्टिकोण के साथ की गई थी, जो तेजी से क्लाउड एक्सेस और सामग्री वितरण के साथ एज को एक अरब से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. यह बेहद टिकाऊ और अक्षय ऊर्जा स्रोत है.

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