बालिग बेटी को भी है गुजाराभत्ता का पूरा अधिकार, शादी होने तक पिता उठाएंगे सारा खर्च- कोर्ट

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. एक बालिग बेटी की गुजाराभत्ता याचिका को अदालत ने मंजूर कर लिया है.पिता को बेटी को गुजाराभत्ता तब तक देना होगा जब तक की उसकी शादी हो वो आत्मनिर्भर नहीं हो जाती.

Desk : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. एक बालिग बेटी की गुजाराभत्ता याचिका को अदालत ने मंजूर कर लिया है.पिता को बेटी को गुजाराभत्ता तब तक देना होगा जब तक की उसकी शादी हो वो आत्मनिर्भर नहीं हो जाती. दिल्ली की इस कोर्ट में 19 वर्षीय बालिग लड़की ने अपने पिता से गुजाराभत्ता लेने के एक याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये निर्णय सुनाया. दायर याचिका के जवाब में पिता ने कोर्ट में कहा था कि बेटी बालिग और कई वर्षों से अपनी माँ के साथ रहती है इस हिसाब से उसका गुज़ारा भत्ता भी अपनी माँ से लेनी चाहिए.

कोर्ट ने पिता को फटकार लगाते हुए कहा कि एक पिता अपने बच्चो के लिए छत के सामान होता है, और जब तक बेटी की शादी न हो जाये वो अपने बेटी के गुज़ारा भत्ते को उठाएगा, भले ही उसकी बेटी उसके साथ न रहती हो. कोर्ट ने कहा कि यदि पिता आर्थिक तौर से मजबूर है तो यथा संभव भत्ता बेटी को देगा. कानून का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि पिता बेटी का खर्च तब तक उठाएगा जब तक उसकी शादी नही हो जाती और वो खुद आत्मनिर्भर नहीं हो जाती.

दरअसल पूरा मामला दिल्ली के 19 वर्षीय युवती का है जो अपनी माँ के साथ रहती है, पिता और माँ का तलाक करीब 7 साल पहले हो चूका है. माँ एक शिक्षिका है और अपनी बेटी के साथ जीवन यापन करती हैं. अब बेटी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अपने पिता से गुज़ारा भत्ता चाहती थी, पिता कारोबारी हैं और कोर्ट में उन्होंने बताया है कि उनके व्यापार का सालाना टर्नओवर 15 लाख का है. इसके बाद भी पिता अपनी बेटी को गुज़ारा भत्ता नहीं देना चाहता था.

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