इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति द्वारा अवैध संबंधों के चलते 6 लोगों की हत्या मामले में सजा को कंफर्म किया. मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई विशेष न्यायाधीश कोर्ट संख्या 2 लखनऊ द्वारा दी गयी मृत्युदंड की सजा को कन्फर्म किया. दरअसल, मामला साल 2009 का है जिसमें पति के अपनी भाभी के साथ ही अवैध सम्बन्ध थे.
अवैध संबंधों के चलते आरोपी ने अपनी पत्नी व तीन बच्चों की हत्या कर दी थी. इसी मामले में लखनऊ सीबीआई न्यायालय ने साल 2017 में आरोपी को मौत की सजा सुनाई थी. इसी सजा को आज हाई कोर्ट ने कन्फर्म करते हुए निष्कर्ष निकाला कि अपराध करने के तरीके और अपराध की भयावहता को देखते हुए इसे असामाजिक या सामाजिक रूप से घृणित अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की पीठ ने इस निष्कर्ष के साथ सहमति व्यक्त की. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने अपने निष्कर्ष में कहा कि दोषी ने सबसे क्रूर, विचित्र, शैतानी और नृशंस तरीके से छह लोगों की हत्या कर दी थी. इससे समाज में आक्रोश और घृणा पैदा हुई, जो अनुकरणीय दंड की मांग करता है.
अदालत ने आगे कहा कि दोषी ने अपने तीन नाबालिग बच्चों, उसकी पत्नी और अपने दो पड़ोसियों को असहाय होने पर मार डाला था. कोर्ट ने यह भी नोट किया कि ऐसा कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं है जो यह दर्शाता हो कि उन्होंने स्थिति को इतना बढ़ा दिया है कि दोषी और अपीलकर्ता श्रवण में इस तरह का नृशंस अपराध करने के लिए अचानक और गंभीर जुनून पैदा हो जाए. बता दें कि हाई कोर्ट ने कुल 97 पेज का फैसला पारित करते हुए सुनवाई के लगभग 50 दिन बाद निर्णय जारी किया.