अग्रिम जमानत को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। हाइकोर्ट ने अग्रिम जमानत में रिश्तेदार का शपथ पत्र अमान्य घोषित कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि अपनी गिरफ्तारी की आशंका में सशपथ प्रार्थना पत्र दें। हाईकोर्ट ने सहारनपुर क़े शिवम् अग्रवाल के मामले में यह निर्णय सुनाया है।
सहारनपुर क़े शिवम् अग्रवाल ने दहेज़ उत्पीड़न क़े मुक़दमे में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। परन्तु जमानत प्रार्थना पत्र में शपथ पत्र प्रार्थी क़े पिता ने दिया था। जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र में रिश्तेदार का शपथ पत्र मान्य नहीं।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिस व्यक्ति को अपनी गिरफ़्तारी की आशंका बनी हुई है वह व्यक्ति ही सशपथ अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करेगा न कि उसके स्थान पर उसके रिश्तेदार जमानत हेतु शपथ पत्र लगा सकते हैं। अदालत ने इलाहबाद हाई कोर्ट रूल क़े विपरीत पाते हुए अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई से इंकार किया, परन्तु न्यायहित में प्रार्थी को अपना शपथ पत्र दाखिल करने पर सुनवाई हेतु मामला नियत कर दिया।