वक्फ बोर्ड की कार्यशैली के खिलाफ एक और मुस्लिम संप्रदाय ने खोला मोर्चा, मनमानी का लगाया आरोप

वक्फ बोर्ड के मनमानी के खिलाफ आगा खानी मुस्लिम समाज ने केंद्र सरकार को शिकायती पत्र लिखा है. आगाखान शिया इमामी काउंसिल ने केंद्र सरकार से महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड की शिकायत की है. अहमदिया के बाद अब आगाखानी मुस्लिम समुदाय ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ केंद्र सरकार से न्याय की गुहार लगाई है.

डिजिटल डेस्क; वक्फ बोर्ड के मनमानी के खिलाफ आगा खानी मुस्लिम समाज ने केंद्र सरकार को शिकायती पत्र लिखा है. आगाखान शिया इमामी काउंसिल ने केंद्र सरकार से महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड की शिकायत की है. अहमदिया के बाद अब आगाखानी मुस्लिम समुदाय ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ केंद्र सरकार से न्याय की गुहार लगाई है.

आगाखान शिया इमामी काउंसिल ने महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड पर जबरन प्रॉपर्टी हथियाने की कोशिश का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से न्याय की गुहार लगाई है. आगाखानी काउंसिल ने महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के द्वारा की जा रही एकतरफा कार्रवाई के खिलाफ भारत सरकार से विधायी हस्तक्षेप की मांग की है. आगाखानी शिया काउंसिल केंद्र सरकार से विधायी हस्तक्षेप की मांग कर रहा है.

गौरतलब है कि पहले अहमदिया मुस्लिम समाज ने वक्फ बोर्ड की कार्यशैली के खिलाफ आवाज उठाई थी. अब आगा खानी मुस्लिम समाज ने वक्फ बोर्ड की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए है. दरअसल, आगा खान मुस्लिम समाज के मुम्बई स्थित पांच प्रमुख ट्रस्टों को महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड ने वक्फ घोषित करते हुए उसे वक्फ की संपत्ति बता दिया है.

हजारों करोड़ की आगा खानियों के ट्रस्ट की प्रॉपर्टी पर महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड ने दावा ठोक दिया है.

ये प्रॉपर्टी हैं :

1- प्रिंस अली खान अस्पताल
2- डायमंड जुबली ट्रस्ट
3- महोमेद जाफ़र रमज़ानअली इस्माइली ख़ोजा सेनेटोरियम, पंचगनी

  1. धनजीभाई करमाली खोजा अनाथालय ट्रस्ट
  2. सेठ मोहम्मद भाई राजवी ट्रस्ट, पुणे

ये पांचों प्रॉपर्टी को वक्फ अपना कब्जा करना चाहता है. इस बात को लेकर मुस्लिम समाज का एक तबका केंद्र सरकार तक पहुंचा है. केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय ने इस शिकायत का संज्ञान लिया है.

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