भाजपा में शामिल होने के कयास पर अतुल प्रधान ने लगाया विराम, बोले- राष्ट्रीय अध्यक्ष का हुक्म सर आंखों पर, पार्टी नहीं छोड़ेंगे

लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच सपा में टिकट बटवारें को लेकर घमसान जारी है। मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से नामांकन करने के बाद भी सपा द्वारा विधायक अतुल प्रधान का टिकट कटने के बाद तमाम चर्चाओं का बाजार गर्म है। टिकट काटने के बाद कयास लगाया जा रहा था कि अतुल प्रधान भाजपा का दामन साथ सकते है, लेकिन शुक्रवार को दोपहर में वह मीडिया के सामने अपनी बात रख सभी कयासों पर विराम लगा दिया।

विधायक अतुल प्रधान मिडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मै समाजवादी पार्टी में रहूंगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष का हुक्म सिर आंखों पर है, हम पार्टी नही छोड़ेंगे। अगर पार्टी कहेगी तो चुनावी राजनीति छोड़कर संगठन का काम भी करेंगे। पार्टी का आदेश होगा उसको चुनाव लड़ाने भी जाएंगे। अतुल प्रधान ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि समाजवादी विचारधारा में हमने राजनीती की शुरुआत की हैं ! हमारे नेता अखिलेश यादव ने हमेशा आगे बढ़ाने का काम किया हैं, उनके निर्देशों का हमेशा पालन होगा, हम ग़रीब-किसान-नौजवान के आवाज़ बुलंद करते रहेंगे !

चलिए अब आपको बतातें हैं कि सपा के फायरी नेता अतुल प्रधान आखिर कौन हैं….

5 December 1983 को जन्में अतुल प्रधान पहली बार सरधना सीट पर 2012 में सपा के सिंबल पर विधानसभा का चुनाव लड़े थे। अतुल प्रधान को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है। अतुल प्रधान गुर्जर समाज से ताल्लुक रखते हैं और वेस्ट यूपी में सपा के विश्वसनीय और तेजतर्रार नेताओं में से एक हैं। अतुल प्रधान ने साल 2012 के विधानसभा चुनाव से राजनीति में कदम रखने के साथ ही उस चुनाव में तीसरे नंबर पर आए थे। उसके बाद सपा ने 2017 के चुनाव में एक बार फिर अतुल प्रधान पर भरोसा जताया। यह चुनाव भी प्रधान बीजेपी के संगीत सिंह सोम से हार गए थे। हालांकि, उनका वोट प्रतिशत बढ़ा था और दूसरे नंबर पर आए थे। अतुल प्रधान का सपा में कद बढ़ा और 2022 के चुनाव में एक बार फिर सपा-रालोद गठबंधन ने अतुल प्रधान को सरधना सीट से टिकट दिया और उन्होंने बीजेपी के दिग्गज, संगीत सिंह सोम को पटखनी दे दी। अतुल प्रधान पहली बार विधायक बने और पूरे प्रदेश में चर्चा में आए।

आपकी जानकारी के लिए ये भी बता दें कि अतुल प्रधान मेरठ जिले के मवाना तहसील के गडीना गांव के रहने वाले हैं। इससे पहले अतुल प्रधान छात्र राजनीति करते थे। उन्होंने भीमराव अंबेडकर डिग्री कॉलेज से पढ़ाई की। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद अतुल प्रधान को समाजवादी पार्टी छात्र सभा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। इसके अलावा अतुल अपने विवादित बयानों से भी चर्चा में रहे हैं।

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