आजम खान ने यूपी सरकार पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने का लगाया आरोप, 22 जुलाई को सुनवाई

जौहर यूनिवर्सिटी मामले में सपा नेता आजम खान की ज़मानत की शर्तों को चुनौती देने वाली याचिका पर जावाब दाखिल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अतिरिक्त समय मांगा गया।

DELHI : जौहर यूनिवर्सिटी मामले में सपा नेता आजम खान की ज़मानत की शर्तों को चुनौती देने वाली याचिका पर जावाब दाखिल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अतिरिक्त समय मांगा गया। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 19 जुलाई तक का समय दिया। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा की अगर आजम खान को लगता है की यह कोर्ट की अवमानना है तो आज़म खान इस पर एक अर्जी दाखिल कर सकते हैं। दरअसल, आज मामले की सुनवाई के दौरान आजम खान ने यूपी सरकार पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने का आरोप लगाया। आज़म के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि 27 जून को SC ने राहत देते हुए जौहर यूनिवर्सिटी में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था, पर सरकार ने यूनिवर्सिटी का रास्ता बंद कर दिया।

सुनवाई के दौरान आज़म खान के वकील सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह उत्तर प्रदेश के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला दाखिल करेंगे। आजम खान की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट के जमानत की शर्तों पर अंतरिम रोक के बावजूद प्रशासन की तरफ से जौहर यूनिवर्सिटी के आसपास जमीन पर कार्यवाही की गई इसके तहत कई तार काटी गई और और दूसरी चीजों को हटाया गया। सिब्बल ने कहा तारों की घेराबंदी इस तरह की गई है की यूनिवर्सिटी में जाना ही संभव नहीं है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि वह मामले में कोर्ट की अवमानना की याचिका दाखिल करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश का सम्मान करना चाहिए। क्या प्रशासन को कोर्ट के आदेश के बारे में जानकारी नहीं थी।

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा राज्य सरकार ने रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी का रास्ता बंद कर दिया है। इसलिए यूनिवर्सिटी में जाना मुश्किल हो रहा है और सारा काम रुक गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने आजम खान की इस दलील का विरोध किया और कहा कि यह घेराबंदी सुप्रीम कोर्ट के 27 जून के आदेश से पहले की गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए ASG राजू ने कहा कि वह इस मामले में विस्तृत जवाब दाखिल करेंगे उनको जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए।

पहले सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता आजम खान को बड़ी राहत देते हुए 27 मई को जौहर यूनिवर्सिटी में सरकारी कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जमानत के तौर पर 13.8 हेक्टेयर जमीन को डीएम के हवाले करने की शर्त के फैसले के ऊपर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट द्वारा जमानत की ऐसी शर्त पहली नजर में अनुपातहीन है। आरोपियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के साधनों से इसका कोई उचित संबंध नहीं है।

Related Articles

Back to top button