
रिपोर्ट – गौरव जोशी
नैनीताल: विधानसभा से निकाले गए कर्मचारियों को नैनीताल हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। नैनीताल हाईकोर्ट की एकल पीठ ने राज्य सरकार के 27 सितंबर को जारी आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार समेत अन्य पक्षकारों को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। वही बैक डोर से हुई अवैध नियुक्तियों के मामले पर हाई कोर्ट से राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। हालांकि कोर्ट ने सरकार को छूट दी है कि चाहे तो वो सभी सभी नियुक्तियां सही तरीके से कर सकती है।
आपको बतादें की पिछले दिनों विधानसभा में हुई बैकडोर से भर्तियों पर 235 के करीब लोगों को सेवा समाप्ति कर दी थी। जिसको भूपेंद्र सिंह बिष्ट समेत अन्य ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि साल 2002 से लगातार विधानसभा के पदों पर तदर्थ नियुक्तियां हुई हैं और 2014 तक कि नियुक्तियों को नियमित भी कर दिया गया और उनकी सेवाओं को समाप्त कर दिया।
याचिका में कहा गया है कि हम भी नियमित पदों के सापेक्ष काम कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि विधानसभा नियमावली में है कि 6 महीने सेवा के बाद नियमितीकरण का प्रावधान है लेकिन हमारे लिए इसकी भी अनदेखी की गई है। और बिना कोई कारण बताए बिना सुनवाई के एक जैसा सैंकड़ों आदेश पारित कर दिए और 235 लोगों की सेवा समाप्त कर दी। याचिका में सेवा समाप्ति यानि नौकरी से हटाने के आदेश को निरस्त करने की मांग है तो कर्मचारियों ने सेवा बहाली की मांग की है। वहीं कर्मचारियों ने नियमित करने की मांग की है।