इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप को लेकर बड़ा फैसला सुनाया हैं। कोर्ट ने कहा हैं कि बालिगों को अपनी स्वेक्षा से शादी करने , जीने व रहने का अधिकार हैं। ये उनका मौलिक अधिकार हैं उनके अधिकारों में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता हैं।
दरअसल प्रदेश के जौनपुर जिले से एक मामला सामने आय था। जिसमें एक युवक ने जो कथित रूप से लड़की का पिता था, अपनी बेटी के अपहरण का मुक़दमा दर्ज कराया था। इस FIR को हाईकोर्ट ने रद्दा कर दिया था।
जबकि युवक की बेटी और जिसके साथ वह रह रही हैं दोनों ने हलफनामा दिया हैं कि वे दोनों बालिग हैं। और एक दूसरे की स्वेच्छा से साथ रह रहे हैं। न्यायामूर्ति सुनीत कुमार व सय्यद वैज़ मिया के द्वारा संवैधानिक व मौलिक अधिकार का हवाला देते हुए फैसला सुनाया। जिसमें कोर्ट ने FIR रद्द कर दी।