‘प्राकृतिक खेती कार्यशाला-2022’ कार्यक्रम में बोले CM योगी- गोवंश आधारित खेती से मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना हमारा लक्ष्य

सीएम ने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने काशी से इस कार्यक्रम को लागू किया था. उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने बुंदेलखंड के 8 जिले में अनुदान की व्यवस्था की है जिससे ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जा सके. सीएम ने कार्यक्रम में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य भर के 27 जिलों का चयन किए जाने की बात कही.

राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शनिवार को राज्य स्तरीय गो-आधारित ‘प्राकृतिक खेती कार्यशाला-2022’ का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत राज्य सरकार के तमाम मंत्री गण और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत मौजूद रहे. सीएम योगी ने इस दौरान प्राकृतिक खेती विधा में बेहतरीन काम करने वाले कृषकों को सम्मानित किया.

सीएम योगी ने कार्यक्रम में गौ आधारित प्राकृतिक खेती कार्यशाला का उद्घाटन किया कर और इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. वैज्ञानिकों और किसानों के इस सम्मान कार्यक्रम में सीएम योगी ने अपना संबोधन दिया और प्राकृतिक खेती एवं कृषक सशक्तिकरण को लेकर कई बड़े बयान दिए.

अपने संबोधन के दौरान सीएम योगी ने कहा कि हमारे लिए वास्तव में यह कार्यक्रम भारत की आस्था को तो बचाने का है ही साथ ही इस धरती माता को उसके वास्तविक स्वरुप में रखने अभियान है. हम सब जानते हैं कि दुनिया के अंदर भारत एक कृषि प्रधान देश के रूप में जाना जाता रहा है. सीएम योगी ने आगे कहा कि कृषि प्रधान भारत की अर्थव्यवस्था का आधार भारतीय गोवंश रहा है.

सीएम योगी ने कहा कि आधुनिक तकनिकी के आने के पहले भारत की इस धरती से अगर किसान बेहतरीन उत्पादन देता रहा है तो हमारे गौवंशों का बड़ा योगदान रहा. सीएम योगी ने गौवंशों को बचाने की बात कही और यह भी कहा कि गोवंश आधारित प्राकृतिक खेती से धरती की उर्वरता को बढ़ाना है.

सीएम योगी ने अपने संबोधन के दौरान रासायनिक खेती के बाद काम होती धरती की उर्वरता के पीछे की वजह पर प्रकाश डाला.उन्होंने कहा कि जब यूरोप में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई और ये देश जब गुलामी की और गया तो धीरे-धीरे भारत की खेती किसानी और आस्था पर प्रहार होना शुरू हुआ और वहीं से पराभव की शुरुआत हुई.

उन्होंने कहा कि आज भले ही हमने देश के अंदर खाद्यान में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया हो लेकिन इसके दुष्परिणामों से भी हम बच नहीं पाए हैं. उन्होंने आगे कहा कि आज तमाम बीमारियों की वजह रासायनिक खेती बन रही है और इससे बचने के बस दो ही उपाय है.

पहला, भारतीय नस्ल के गौवंश को बचाना और दूसरा गौ आधारित खेती से अपनी धरती माता की उर्वरता को बढ़ा कर उसकी जो वास्तविक क्षमता है उसे संरक्षित करना. सीएम योगी ने अपने संबोधन में गौ आधारित खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला.

सीएम ने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने काशी से इस कार्यक्रम को लागू किया था. उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने बुंदेलखंड के 8 जिले में अनुदान की व्यवस्था की है जिससे ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जा सके. सीएम ने कार्यक्रम में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य भर के 27 जिलों का चयन किए जाने की बात कही.

Related Articles

Back to top button
Nový recept: Jak se zbavit Záchrana rajčat: bojování s letním krupobitím Letní životní trik: Stačí 2 lžíce a vaše boty budou 5 tipů, jak udržovat Uvařte si nadýchané