कांग्रेस के ऐतिहासिक कार्यालय पर लग सकता है ताला, साल 1991 से ही पार्टी नहीं दे रही थी किराया…

साल 2015 में जिला कोर्ट ने इन कार्यालयों का किराया बढ़ाकर 5400 कर दिया. परिणामस्वरूप, मकान मालिक को 50000 रुपये की धनराशि पार्टी की ओर से प्रदान की गई थी. गणना के मुताबिक मौजूदा समय में इन कार्यालयों का वाजिब धनराशि 3.15 लाख रुपए किराया के रूप में बकाया है.

रविवार को प्रयागराज से बड़ी खबर सामने आई. शहर में स्थित कांग्रेस के ऐतिहासिक कार्यालय बंद होने के कगार पर हैं. दरअसल, प्रयागराज स्थित कांग्रेस के ये कार्यालय स्वतंत्रता संग्राम के गवाह रहे हैं. उन दिनों में लोगों ने कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित होकर मकानों को बतौर कांग्रेस कार्यालय के रूप में प्रदान किये थे.

हालांकि कांग्रेस को इन कमरों के एवज में किराए का भुगतान करना पड़ता था. जानकारी के मुताबिक प्रयागराज स्थित कांग्रेस के ऐतिहासिक कार्यालय का साल 1991 से किराया नहीं दिया गया है. इस वजह से किराया ना मिलने पर मकान मालिक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है. बता दें कि शुरूआती दौर में कांग्रेस के इन कार्यालयों का किराया मात्र 400 रुपये प्रतिमाह था.

साल 2015 में जिला कोर्ट ने इन कार्यालयों का किराया बढ़ाकर 5400 कर दिया. परिणामस्वरूप, मकान मालिक को 50000 रुपये की धनराशि पार्टी की ओर से प्रदान की गई थी. गणना के मुताबिक मौजूदा समय में इन कार्यालयों का वाजिब धनराशि 3.15 लाख रुपए किराया के रूप में बकाया है.

गौरतलब है कि एक बार पुनः अदालत ने कांग्रेस कमेटी को 15 जुलाई तक किराया अदा करने का आदेश दिया है. अगर ऐसा नहीं होता है तो कांग्रेस को उक्त मकान को खाली करना होगा.

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