सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी खबरों की पहचान करने के लिए पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के तहत तथ्य जांच इकाई (फैक्ट चैक यूनिट) स्थापित करने की केंद्र की अधिसूचना पर रोक लगा दी है। बीते बुधवार यानी 20 मार्च को मोदी सरकार ने प्रेस सूचना ब्यूरो के FCU यानी फैक्ट चेक यूनिट को सरकार से जुड़ी फर्जी खबरों या गलत सूचना के रिपोर्ट के लिए नोडल एजेंसी के रूप में अधिसूचित किया था।
दरअसल, गुरुवार यानी 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लेते हुए फर्जी खबरों की पहचान करने के लिए PIB के तहत तथ्य जांच इकाई स्थापित करने की केंद्र की नोटिफिकेशन पर रोक लगाई है।
गौरतलब है कि बुधवार के एक नोटिफिकेशन में केंद्र सरकार ने कहा था कि PIB के तहत तथ्य जांच इकाई केंद्र की अधिकृत इकाई होगी। यह इकाई सरकार से संबंधित ऑनलाइन सामग्री की निगरानी करने के साथ ही गलत सूचना के प्रसार को रोकेगी।
केंद्र के इसी अधिसूचना पर आज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बी वाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई करते हुए कहा कि “हमारा मानना है कि अंतरिम राहत के आवेदन को खारिज करने के बाद 20 मार्च 2024 की अधिसूचना पर रोक लगाना जरूरी है। 3(1)(बी)(5) की वैधता को चुनौती में गंभीर संवैधानिक प्रश्न शामिल है और फ्री स्पीच और अभिव्यक्ति पर नियम के असर का हाई कोर्ट की ओर से विश्लेषण करने की जरूरत होगी।”