स्कूल को लेकर भिड़े सीएम अरविन्द केजरीवाल और हिमंता बिस्वा शर्मा, जमकर चल रहा ट्विटर वॉर

दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल और हिमंता बिस्वा शर्मा के बीज ट्विटर वॉर देखने को मिल रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों के शून्य सफलता के स्कूलों को बंद करने को लेकर अरविन्द केजरीवाल और हिमंता बिस्वा शर्मा के बीज ट्विटर वार शुरू है।

दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल और असम सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा के बीज ट्विटर वॉर देखने को मिल रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों के शून्य सफलता के स्कूलों को बंद करने को लेकर अरविन्द केजरीवाल और हिमंता बिस्वा शर्मा के बीज ट्विटर वार शुरू है।

हिमंता बिस्वा शर्मा ने अरविन्द केजरीवाल पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि कृपया ध्यान दें शिक्षा मंत्री के रूप में मेरे दिनों से अब तक असम सरकार ने 8610 नए स्कूलों की स्थापना/अधिग्रहण किया है। उन्होने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले 7 वर्षों में कितने नए स्कूल शुरू किए हैं?

जिसके जवाब में अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “मेरा मकसद आपकी कमियां निकालने का नहीं था, लगता है आप बुरा मान गए, हम सब एक देश हैं, हमें एक दूसरे से सीखना है, तभी तो भारत नम्बर वन देश बनेगा। साथ ही उन्होने लिखा कि मैं आता हूं ना असम, बताइए कब आऊं? आप शिक्षा के क्षेत्र में अपने अच्छे काम दिखाना। आगे उन्होने लिखा कि आप दिल्ली आइये, मैं आपको दिल्ली के काम दिखाता हूं।“

जिसके जवाब में हिमंता बिस्वा शर्मा ने एक लिखा कि आपकी अज्ञानता दर्दनाक है। दिल्ली से 50 गुना बड़ा है असम! हमारे 44521 सरकारी स्कूल आपके 1000+ विषम स्कूलों के मुकाबले 65 लाख छात्रों को पढ़ाते हैं। समर्पित शिक्षकों की हमारी संख्या 2 लाख से भी ज्यादा साथ ही मध्याह्न भोजन कर्मचारी 1.18 लाख। उन्होने लिखा कि दिल्ली के विपरीत हम बाढ़ के प्रकोप का प्रबंधन करते हैं, उग्रवाद से निपटते हैं, पहाड़ी और कठिन इलाकों में बातचीत करते हैं और फिर भी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करते हैं। उन्होने कहा कि हम अद्भुत मेजबान हैं। कृपया आइये हमारे नदी क्षेत्र और पहाड़ी जिलों में 2 रातें बिताएं। देखें कि हम किन चुनौतियों का सामना करते हैं। आप व्याख्यान देना बंद कर देंगे।

हम 14 विभिन्न आदिवासी भाषाओं सहित छह माध्यमों में शिक्षा प्रदान करते हैं। हमारी विविधता एक ऐसी चीज है जिस पर हमें गर्व है, हम इसे संजोते हैं और इसे अपनी अनूठी शिक्षा प्रणाली के माध्यम से विकसित करना सुनिश्चित करते हैं। और हां, हमारे पास दिल्ली में ऐसे संसाधन नहीं हैं। हमने जो किया है और जो कर रहे है उस पर हमें गर्व है! और हाँ, जब आप असम में होते हैं, जिसकी आप बहुत सख्त इच्छा रखते हैं, तो मैं आपको हमारे मेडिकल कॉलेजों में ले जाऊँगा, जो आपके मोहल्ला क्लिनिक से 1000 गुना बेहतर है। हमारे उज्ज्वल सरकारी स्कूल के शिक्षकों और छात्रों से भी मिलें।

जिसके जवाब में अरविन्द केजरीवाल ने लिखा कि हमारे यहाँ कहावत है। कोई पूछे “मैं कब आऊँ” और आप कहें “कभी भी आ जाओ” इसका मतलब होता है “कभी मत आओ”। मैंने आपसे पूछा “आपके सरकारी स्कूल देखने कब आऊँ” आपने बताया ही नहीं। बताइए कब आऊँ, तभी आ जाऊँगा।

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