अलविदा धरतीपुत्र : 1989 में जब पहली बार सबसे बड़े सूबे के मुखिया बने थे नेता जी, कही थी ये बड़ी बात ?

समय था 1989 के चुनाव का जब मुलायम सिंह यादव प्रदेश की राजनीत‍ि का उभरता हुआ नाम था। 1989 के चुनाव में कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी और नारायण दत्‍त तिवारी कांग्रेस के आखिरी मुख्यमंत्री बने। इस चुनाव में को कांग्रेस 94 सीटों पर जीत मिली। इसी चुनाव में देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली। हालांकि उनका कार्यकाल ज्‍यादा नहीं चला। 05-12-1989 से 24-06-1991 तक वे प्रदेश के मुख्‍यमंत्री रहे।

तत्कालीन राज्यपाल मोहम्मद उस्मान आरिफ ने नेता जी को 1989 में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी। 1990 में केंद्र में वीपी सिंह की सरकार गिरने के बाद मुलायम सिंह यादव ने चंद्रशेखर के जनता दल (सोशलिस्ट) से जुड़े और मुख्यमंत्री बने रहे। इसमें कांग्रेस का समर्थन भी शामिल था। फिर 1991 में कांग्रेस ने अपना समर्थन वापस ले लिया और मुलायम सरकार गिर गई। फिर पुनः 1991 में बीच में ही चुनाव हुए। लेकिन मुलायम सिंह यादव की पार्टी पुनः सत्ता में वापसी नहीं कर सकी।

1989 में जब पहली सीएम बने थे नेता जी

पहली बार सीएम बनने के बाद धरती पुत्र मुलायम सिंह ने कहा कि “हम अपने देश के लोगों को आगे बढ़ायेंगे, अपने उद्योगों को आगे बढ़ायेंगे, हम अपने देश के उद्योगपतियों को आगे बढ़ायेंगे। हम खेती पर ज्यादा जोर देंगे, लेकिन साथ ही हम अपने देश को स्वावलम्बी बनाने के लिये, बेरोजगारी दूर करने के लिये उद्योगों के विकास पर पूरा ध्यान देंगे और अपने उद्यमियों की पूरी तरह से मद करेंगे।”

मेदांता में ली अंतिम सांस

गौरतलब हैं कि नेता जी काफी समय से बीमार चल रहे थ। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में नेता जी का इलाज चल रहा था। जहां पर चिकित्सक द्वारा नेता जी की देखरेख की जा रही थी। धरती पुत्र के नाम से सुशोभित मुलायम सिंह यादव आज हम सभी को अलविदा कह गए। उन्होंने आज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल आखिरी सांस ली। यूपी में 3 दिवसीय शोक की की घोषणा की गई है। वही कोई अपनी आखों पर यकीन नही कर पा रहा है कि अब हम सब के बीच नेता जी नही रहे। उनके निधन के बाद पूरे देश में शोक का माहौल हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश में उनके निधन के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन दिवसीय राजकीय शोक का एलान किया हैं।

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