
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर कहा कि हम याचिका पर नोटिस जारी कर रहे हैं। मामला अभी निचली अदालत में है। हम मामले में यूपी सरकार से सहयोग चाहते हैं। कोर्ट ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 19 मई मुकर्रर की है। वैसे, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नमाज पर रोक न लगाई जाए। वहीं, उसने वजूखाने वाली जगह को संरक्षित करने को कहा है। यहीं से शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम याचिका पर नोटिस जारी कर रहे हैं। SC ने कहा, सिविल कोर्ट मामले का जल्द निपटारा करें। सॉलिसिटर जनरल ने जवाब देने के लिए कल तक का समय मांगा। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह मामला टाइटल सूट का नहीं है। अलबत्ता, पूजा के अधिकार से जुड़ा है।
ज्ञानवापी मामले में जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की। बता दें, मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट से हिंदू सेना ने पक्षकार बनाने की मांग की। वही, मुस्लिम पक्ष ने सर्वे पर रोक लगाने की मांग की।
हिंदू सेना मुस्लिम पक्ष के खिलाफ कोर्ट पहुंची। मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने कोर्ट को बताया हिंदू पक्ष की ओर से लोवर कोर्ट में 2021 में याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में श्रृंगार गौरी की पूजा करने की मांग की गई थी। इसका मतलब कि मस्जिद के मौजदा स्तिथि को बदलने की मांग थी।
अहमदी ने कमिश्नर की नियुक्ति पर भी सवाल उठाया। ‘जिन नामों पर आपसी सहमति थी उसे कमिश्नर नियुक्त करना था’। अहमदी ने कहा, लोवर कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट गए। लेकिन हाईकोर्ट ने हमारी याचिका खारिज कर दी। HC से याचिका खारिज होने पर हम सुप्रीम कोर्ट आए है।
अहमदी ने आरोप लगाया कि बिना वीडियोग्राफी देखे लोवर कोर्ट ने आदेश दिया। एक याचिका में कहा गया कि शिवलिंग मिला है। दूसरे पक्षकार को सुने बिना आदेश पारित कर दिया। कमीशन की कार्यवाही को सार्वजनिक किया गया। मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट से लोवर कोर्ट के आदेश, कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की।