ज्ञानवापी में मूर्तिकारों ने फेंका था मलवा..सर्वे रिपोर्ट पर हिंदू पक्ष के दावों को मुस्लिम पक्ष ने किया खारिज 

 Gyanvapi Survey: इससे पहले हुए कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के दौरान जो चीज मिली थी, मात्र ASI ने उसकी डिटेल दिया है।

Gyanvapi Survey: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी में हुए ASI सर्वे रिपोर्ट गुरुवार की रात जिला जज के आदेश के बाद दोनों पक्षकारों को सौंपा गया। 839 पेज के ASI रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष के अधिवक्ता ने देर रात प्रेस कांफ्रेंस कर ज्ञानवापी को मंदिर होने का दावा किया गया। ASI सर्वे रिपोर्ट को इंकित करते हुए अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने जहां एक तरफ ज्ञानवापी में हुए सर्वे के दौरान खंडित मूर्तियों मिलने के साक्ष्य और ज्ञानवापी के पश्चिमी दीवार को मंदिर होने की बात कही। वही हिंदू पक्ष अधिवक्ता को मुस्लिम पक्ष के दावों को खारिज करते हुए ASI सर्वे में मिले खंडित मूर्तियों को मूर्तिकारों के द्वारा फेके गए मालवा करार दिया है। ज्ञानवापी और मां श्रृंगार गौरी केस में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता अखलाक अहमद ने कहा कि ASI सर्वे रिपोर्ट का अध्ययन करने के पश्चात अदालत में आपत्ति दाखिल करने की बात कही।

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता ने किया चौकाने वाले दावे

ज्ञानवापी में हुए ASI सर्वे रिपोर्ट को मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक करते हुए हिंदू पक्ष ने अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ASI सर्वे रिपोर्ट से साफ हो गया है, कि ज्ञानवापी मस्जिद नही बल्कि मंदिर है। विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद का गुंबद मात्र 350 साल पुराना औरंगजेब के जमाने का पाया है। ज्ञानवापी परिसर में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों के साथ धार्मिक चिन्ह मिले है, जिसे लेकर पहले से ही हिंदू पक्ष के द्वारा दवा किया जाता रहा है। वही विष्णु शंकर जैन ने यह भी कहा कि ASI सर्वे रिपोर्ट में ज्ञानवापी के पश्चिमी दीवार को मंदिर की दीवार और नागर शैली में बनाए जाने की बात कही है। पश्चिमी दीवार नगर शैली की करीब 5 हजार साल पुरानी है और दीवार के नीचे करीब एक हजार साल पुराने अवशेष है।

मुस्लिम पक्ष ASI सर्वे रिपोर्ट के अध्ययन कर दाखिल करेगा आपत्ति

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अखलाक अहमद ने हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के दावों को खारिज करते हुए कहा कि ASI द्वारा मिले रिपोर्ट में प्राथमिक दृष्टि में कुछ भी नया नहीं है। इससे पहले हुए कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के दौरान जो चीज मिली थी, मात्र ASI ने उसकी डिटेल दिया है। कोर्ट कमीशन की कार्यवाही में जिन सामग्रियों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी किया गया था, वही चीज ASI सर्वे में भी मिला है। सर्वे रिपोर्ट का गहन अध्ययन किया जाएगा और जो भी अपत्तियां है कोर्ट में दाखिल किया जाएगा। मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि ज्ञानवापी के पश्चिमी दीवार में कोई ऐसी मूर्ति नही है, जिससे यह साबित हो की वह मंदिर की दीवार है। वहीं, उन्होंने कहा कि जो मलवे और मूर्तियां मिली है वह ज्ञानवापी के उत्तरी दीवार की तरफ मिली है, जिसे छतर द्वार के नाम से जाना जाता था। ज्ञानवापी के बैरिकेडिंग से पहले वहां 5 किराएदार रहते थे, जो मूर्ति बनाने का कार्य करते थे। अक्सर वह मूर्तिकार मालवा को ज्ञानवापी पीछे की तरफ फेंका करते थे। जो भी मूर्तियां मिली है, वह खंडित है, ऐसे में यह दावा करना कि वह मंदिर की मूर्तियां है यह गलत है।

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