बड़े पैमाने पर होती है मानव तस्करी, सोशलमीडिया पर दोस्ती हो सकती है खतरनाक

आरटीआई के जबाब के तहत पुलिस महानिदेशक देहरादून कि और से प्राप्त सूची में उतराखंड पुलिस द्वारा महिला तस्करी में बरामद महिलाओं कि संख्या 50 के आसपास सिमट रही है, पुलिस महानिदेशक देहरादून द्वारा आरटीआई के जबाब के तहत बागेश्वर जिले के पांच नाम ही दर्शाये गये है

रिपोर्ट – दीपक जोशी

मानव तस्करी जैसे संगीन अपराध के मामले में हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड पहले पायदान पर है। खासकर महिलाओं की तस्करी के मामले चिंताजनक हैं। उधम सिह नगर, चंपावत, पिथोरागढ के बाद बागेश्वर जिले के कपकोट तहसील से लापता होने वाली युवतियों, और महिलाओं कि तादात बढी है, कपकोट तहसील के पनौरा गांव के आरटीआई एक्टविस राजेन्द्र कपकोटी ने 11 मार्च 2020 को पुलिस महानिर्देशालय देहरादून से आरटीआई के माध्यम से सूचना मांगी गयी थी।

आरटीआई के जबाब के तहत पुलिस महानिदेशक देहरादून कि और से प्राप्त सूची में उतराखंड पुलिस द्वारा महिला तस्करी में बरामद महिलाओं कि संख्या 50 के आसपास सिमट रही है, पुलिस महानिदेशक देहरादून द्वारा आरटीआई के जबाब के तहत बागेश्वर जिले के पांच नाम ही दर्शाये गये है, जबकि दोबारा एसपी बागेश्वर से प्राप्त सूचना मे एसपी बागेश्वर पांच सालो के अन्दर 160 लापता युवतियों कि बरादमी कि सूचना उपलब्ध कराता है, अन्य लापाता लडकियों और महिलाओं कि सूची बागेश्वर पुलिस कार्यालय से उपलब्ध नही हो पायी।

कपकोट क्षेत्र से लड़कियों और महिलाओं कि तस्करी के तहत जिन्हें बेच दिया जाता है, उनकी तादाद हजारो में है, जो बरामद नही हो पायी है ,उत्तराखंड में मानव तस्करी बडे पैमाने पर चल रही है, शाशन / प्रशासन भी स्पष्ट आकड़े ऊपर नीचे करने में लगा है। आरटीआई एक्टविस राजेन्द्र कपकोटी का कहना है, कि लड़कीयो से दरख्वास्त करता हूँ, कि अनजान व्यक्ति से दोस्ती न करे, सोशलमीडिया से पर दोस्ती पर एक दम भरोसा ना करे, मानव तस्करी कि गैग योजना बंद्ध तरीके से इस कार्य को अंजाम दे रही है।

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