पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर मामले में इलाहबाद HC ने दिया SSP झांसी को तलब होने का आदेश, जानें क्या है पूरा मामला?

न्यायालय के आदेश के अनुरूप एसएसपी झांसी को अब इस मामले में व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना होगा. दरअसल, पूरा मामला 5 अक्टूबर, 2019 का है जब देर रात झांसी के मोठ थाने में पुष्पेंद्र यादव नाम के एक ट्रक चालक का पुलिस ने कथित रूप से एनकाउंटर कर दिया जिसमें उसकी मौत हो गई.

झांसी के चर्चित पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर केस में गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में हाई कोर्ट ने एसएसपी झांसी को तलब होने का आदेश दिया. अदालत ने एसएसपी झांसी को अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया. कोर्ट ने पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर मामले में आगामी 13 अक्टूबर की तारीख अगली सुनवाई के लिए मुकर्रर की है.

न्यायालय के आदेश के अनुरूप एसएसपी झांसी को अब इस मामले में व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना होगा. दरअसल, पूरा मामला 5 अक्टूबर, 2019 का है जब देर रात झांसी के मोठ थाने में पुष्पेंद्र यादव नाम के एक ट्रक चालक का पुलिस ने कथित रूप से एनकाउंटर कर दिया जिसमें उसकी मौत हो गई.

तब पुलिस ने पुष्पेंद्र पर आरोप लगाया था कि उसने मोठ थाने में दरोगा पद पर तैनात धर्मेंद्र सिंह चौहान पर हमला किया और उनकी कार लूटकर भागने लगा. तब पुलिस ने बताया था कि इस घटना के अगली सुबह मुठभेड़ के दौरान पुष्पेंद्र का गुरसराय थाना क्षेत्र में कथित एनकाउंटर कर दिया गया था.

पुष्पेंद्र के परिजनों ने पुलिस के इस एनकाउंटर को तब फर्जी बताया था. आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज ना हो पाने के कारण मृतक पुष्पेंद्र के परिजनों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. बाद में लंबी बहस और कई दफा सुनवाइयों का सिलसिला चलने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरोपी पोलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए.

तब कोर्ट ने एनकाउंटर मामले की निष्पक्ष और गहन जांच के आदेश दिए थे. इस मामले में इलाहबाद हाई कोर्ट ने तब पुलिस से एफआईआर की जांच के सन्दर्भ में प्रोग्रेस रिपोर्ट की भी मांग की थी. इसी मामले में गुरूवार को अदालत के समक्ष प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की गई जिसके बाद एसएसपी झांसी को इलाहबाद हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई पर अदालत में व्यक्तिगत रूप से तलब होने का आदेश दिया.

बता दें कि एनकाउंटर मामले में मृतक पुष्पेंद्र यादव झांसी के करगुआं गांव का रहने वाला था. उसके पिता CISF में नौकरी करते थे. किसी कारणवश नौकरी में कार्यरत पिता की आंखों की रोशनी चली गई. बाद में पुष्पेंद्र के पिता की नौकरी उसके बड़े भाई रवींद्र को नौकरी मिल गई. वहीं पुष्पेंद्र के पेशे को लेकर उनके परिजनों ने बताया कि पुष्पेंद्र के पास दो ट्रक थे, जिनसे वो बिल्डिंग मैटेरियल्स की ढुलाई का काम करता था.

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