ताशकंद में चल रही IBA मेन्स वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारतीय बॉक्सर्स ने तीन में से तीन क्वार्टर फाइनल जीतकर इसे भारतीय बॉक्सिंग के लिए ऐतिहासिक दिन बना दिया है. भारतीय पुरुष मुक्केबाज दीपक भोरिया (51 किग्रा), हुसामुद्दीन (57 किग्रा) और निशांत देव (71 किग्रा) उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में अपने-अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबले जीतकर 3 मेडल पक्के कर लिये हैं.
बता दे कि टूर्नामेंट में क़रीब 107 देशों के 550 मुक्केबाज़ हिस्सा ले रहे हैं जिनमें कई ओलिंपिक और वर्ल्ड चैंपियन भी शामिल हैं.भारतीय पुरुष मुक्केबाजों ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के इतिहास में पहली बार कम से कम तीन पदक हासिल किए गए हैं. इससे पहले, भारतीय पुरुष मुक्केबाजों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2019 में आया था. जब मनीष कौशिक और अमित पंघल ने देश के लिए पदक जीते थे.
पहले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में दीपक ने किर्गिस्तान के दियुशेबाएव नूरझिगित को 5-0 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया और साथ ही अपने लिए कम से कम कांस्य पदक सुरक्षित किया है.
इस बीच, हुसामुद्दीन ने बुल्गारिया के जे. डियाज इब्नेज को 4-3 से हराकर मौजूदा टूर्नामेंट में भारत के लिए एक और पदक पक्का किया. वहीं निशांत देव ने क्यूबा के जॉर्ज कुएलर को एकतरफा अंदाज में 5-0 हराकर भारत के लिए दिन का तीसरा पदक सुरक्षित किया.मैच के बाद तीनों मुक्केबाजों ने कहा ‘विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल करना बहुत अच्छा अहसास है लेकिन स्वर्ण पदक के साथ भारत वापस आना चाहते हैं.
अब 51 किलोग्राम वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में दीपक भोरिया का सामना फ्रांस के बिलाल बेनमा से शुक्रवार को होगा.वहीं 57 किलोग्राम वर्ग में हुसामुद्दीन के सामने क्यूबा के सैडेल होर्टा की चुनौती होगी. इसके अलावा 71 किलोग्राम वर्ग में निशांत के सामने होंगे एशियआई चैंपियन कजाकिस्तान के असलानबेक शिम्बरजेनोव. तीनों मुक्केबाजों ने जिस तरह से क्वार्टरफाइनल में प्रदर्शन किया है वो देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा, कि कम से कम एक गोल्ड तो भारत के हिस्से आ सकता है.