काशी का सेब दिला रहा कश्मीर वाली मिठास, सोशल मीडिया से प्रशिक्षण लेकर किसान ने किया कमाल

वाराणसी। इंटरनेट के जमाने में Google के साथ सोशल मीडिया Youtub पर जानकारियों की भरमार है। सोशल मीडिया ना केवल लोगो को सही और गलत का ज्ञान उपलब्ध करवा रही है, बल्कि इससे प्रशिक्षित होकर बड़ी संख्या में युवा और किसान कुछ ऐसा कर रहे है जिसे कभी नामुमकिन समझा जाता रहा। वाराणसी के सेवापुरी विधानसभा के किसान इन दिनों कश्मीर और हिमाचल में होने वाले सेब की खेती कर रहे है। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में पहली बार किसान परिवार मैदानी क्षेत्र में सेब की खेती कर लाखो रुपए का मुनाफा कमा रहे है। काशी में होने वाले सेब की मिठास इन दिनों वाराणसी सहित पूर्वांचल के विभिन्न फल मंडी में अपनी मिठास से लोगो को कश्मीर और हिमाचल के सेब को टक्कर दे रही है।

Youtub से प्रशिक्षण लेकर शुरू की खेती, लोगो ने किसान को कहा पागल

सेवापुरी के किसान राधेश्याम पटेल का परिवार परंपरागत सब्जी और फूलों की खेती करता था, लेकिन इसमें ज्यादा मुनाफा ना होने से राधेश्याम ने कुछ अलग करने की ठानी। मोबाइल पर यूट्यूब से राधेश्याम ने मैदानी क्षेत्र और यहां के गर्म वातावरण में सेब की खेती होने की जानकारी इकट्ठा किया और सोशल मीडिया youtub से ही प्रशिक्षण लेकर अपने खेत में 50 सेब के पौधों से वर्ष 2019 में सेब की खेती की शुरुआत की। गांव के लोग उसका मजाक न बनाए इसके लिए राधेश्याम ने पहले तो गांव वालो को सेब के पौधों को आयुर्वेदिक पौधा बताया, लेकिन जब पौधे बड़े हुए और ग्रामीणों को पता चला, तो ग्रामीण राधेश्याम का मजाक बनाते हुए उसे पागल तक कह डाला। किसान राधेश्याम ने बताया कि उसने गांव के लोगो ने सेब की खेती के बारे में जानकर उन्हे पागल कहा। कश्मीर और हिमाचल की ठंड वादियों में होने वाले सेब की खेती कभी वाराणसी के वातावरण में नही होगा ऐसा कह उन्हे पागल कहा गया, लेकिन खेती के शुरुआत के दो वर्ष बात पौधों में फूल और फल लेने की शुरुआत हुई तो लोग हैरान हो गए।

500 सेब के पौधों से किसान कमा रहे लाखो का मुनाफा

वाराणसी में सेब की खेती करने वाले किसान राधेश्याम ने बताया कि पौधे पर पहले सीजन में अच्छे फल नही आए, लेकिन दूसरे सीजन में पौधों पर अच्छे फल आने लगे। उनके परिवार के लोगो ने उनका साथ दिया आउट सभी सेब की खेती में जुट गए। 50 पौधो से सेब की खेती की शुरुआत के बाद अब राधेश्याम पटेल ने 500 से अधिक सेब के पौधे लगा दिया है। राधेश्याम ने बताया कि इस सीजन में एक पौधे से 12 से 15 किलो फल आए और 150 रुपए प्रति किलो बेंच गया। राधेश्याम ने बताया कि पूर्वांचल के फल विक्रेताओं को जब पता चला कि कश्मीर और हिमाचल में होने वाले सेब अब काशी में हो रहे है, तो फल के विक्रेता उनके खेत पर आकर सेब को खरीदा। ऐसे में राधेश्याम सेब कि खेती से लाखो रुपए का मुनाफा कमाया। वही राधेश्याम के कुछ अलग कर जाने के हौसले को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सराहा है। राधेश्याम वाराणसी में लगने वाले किसानों के प्रदर्शनी में काशी के सेब काफी चर्चा में रही।

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