बिहार में है कृष्ण राज्य, हम किसी बाबा-टाबा को नहीं जानते बोले, तेजप्रताप यादव

तेज प्रताप यादव ने कहा कि हम किसी आबा-बाबा-टाबा को नहीं जानते.हम केवल सिद्ध योगी संत देवरहा बाबा को मानते हैं, क्योंकि उनके आशीर्वाद से हमारा जन्म हुआ है.

बाबा बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पर बिहार सरकार के मंत्री और लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने फिर से निशाना साधा है.उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने बिहारियों को ‘पागल’ कहकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया हैं. इनको बिहार कभी माफ नहीं करेगा. बागेश्वर बाबा के नाम से मशहूर पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर तेज प्रताप ने मंगलवार को कहा कि वे बाबा बिहारियों को गाली देने का काम कर रहे हैं. बिहार में कृष्ण राज्य है, यहां महागठबंधन का राज है. भगवान कृष्ण 16 कलाओं से पूर्ण थे और राम जी 14 कला से ही पूर्ण थे.कृष्ण भगवान साक्षात यदुवंशी हैं. हम लोग उन्हीं के वंशज है.

तेज प्रताप यादव ने कहा कि हम किसी आबा-बाबा-टाबा को नहीं जानते.हम केवल सिद्ध योगी संत देवरहा बाबा को मानते हैं, क्योंकि उनके आशीर्वाद से हमारा जन्म हुआ है. उनके जैसे कोई बाबा नहीं हुआ. वह बाबा 400 साल जिंदा रहे थे इसलिए हम लोग देवराहा बाबा को मानते हैं. उन्होंने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री का जो कार्यक्रम चल रहा है उसमें कितने लोग बीमार हो रहे हैं. किस तरीके से उन्होंने पूरे बिहारियों को पागल कहा है.तेजप्रताप ने कहा कि बाबा को इस तरह के बयान से बचना चाहिए. तेजप्रताप यादव ने कहा कि यह पूरी तरह से राजनीति है, देश को तोड़ने के लिए और आरएसएस और बजरंग दल के जरिए और न जाने कौन-कौन सेना के जरिए गाली दिलवाने का काम किया जा रहा है. जनता ने कर्नाटक में इसका रिजल्ट दे दिया है. बाबा बिहार आए और भाजपा को कर्नाटक में हरा दिया.

वहीं, भाजपा सांसद राम कृपाल यादव ने कहा कि श्रद्धालु बड़ी संख्या में आए और पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं थी. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के कुप्रबंधन के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार को जिम्मेदार ठहराया. कार्यक्रम के आयोजकों के अनुसार, तीन लाख से अधिक श्रद्धालु कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे जो कि अपेक्षित संख्या से अधिक थे. पटना में रविवार को तापमान 42 डिग्री से अधिक था जिससे कई श्रद्धालु भीषण गर्मी के कारण बीमार पड़ गए. कार्यक्रम स्थल के अंदर पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी, यह सब स्पष्ट रूप से राज्य सरकार के कुप्रबंधन को दर्शाता है.

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