गंगा दशहरा पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, जानिए क्या है इस पर्व की पौराणिक मान्यता !

काशी में गंगा दशहरा का पर्व बेहद ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. ब्रह्म मुहूर्त शुरू होते ही लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. स्नान, ध्यान, दान-पुण्य के साथ श्रद्धालु मां गंगा से अपनी मनोकामनाओं को लेकर विशेष पूजन किया.

वाराणसी। देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में गंगा दशहरा का पर्व बेहद ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. ब्रह्म मुहूर्त शुरू होते ही लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. स्नान, ध्यान, दान-पुण्य के साथ श्रद्धालु मां गंगा से अपनी मनोकामनाओं को लेकर विशेष पूजन किया. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जेष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है. इस दिन श्रद्धालु गंगा में स्नान के साथ दान-पुण्य करते हैं. कहा जाता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान से सात जन्मों के पाप कट जाते हैं.

इसी दिन पृथ्वी लोक पर आई थीं मां गंगा

वैदिक पुराणों के अनुसार सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा के कमंडल से निकलकर मां गंगा पृथ्वी लोक पर अवतरित हुईं हुई थी. अपने पूर्वजों की आत्मा के मोक्ष के लिए मां गंगा को पृथ्वी लोक पर लाने के लिए राजा भागीरथ ने कड़ी तपस्या की थी. राजा भागीरथ की कड़ी तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा पृथ्वी लोक पर जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को अवतरित हुई थी. यही वजह है कि इस दिन गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है. इस दिन गंगा में स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है.

गंगा दशहरा पर बने यह 3 शुभ योग

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस बार गंगा दशहरा पर तीन शुभ योग बने हैं. गंगा दशहरा पर रवि योग, सिद्धि योग और धन योग बन रहा है, जो शुभ संकेत हैं. काशी के पुरोहितों की माने तो इन दिनों योग में स्नान, ध्यान और दान का काफी महत्व है. यही नहीं ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार भौतिक सुख के कारक कहे जाने वाले शुक्र ग्रह का गोचर कर्क राशि में हो रहा है. ऐसे में गंगा स्नान और दान-पुण्य करने वाले लोगों को धनयोग का संयोग बनेगा.

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