दिल्ली के किसानों को केजरीवाल सरकार की तरफ से दी गई सौगात पर एलजी की रोक

केजरीवाल सरकार द्वारा किसानों के हक़ में यह बहुत बड़ा फैसला लिया गया था। सरकार के इस फैसले के तहत दिल्ली में 2008 के बाद पहली बार किसानों की कृषि भूमि के सर्किल रेट में बदलाव किया गया था।

नई दिल्ली- केजरीवाल सरकार द्वारा कृषि भूमि का सर्किल रेट बढ़ाकर दिल्ली के किसानों को दी गई सौगात पर एलजी वीके सक्सेना ने रोक लगा दी है। केजरीवाल सरकार ने कृषि भूमि के 10 गुना तक सर्किल रेट बढ़ाने की फाइल को मंजूरी देने के लिए एलजी के पास भेजी थी, जिसे एलजी ने मंजूरी देने के बजाय वापस भेज दी है। एलजी ने फाइल वापस भेजने के पीछे दो आपत्तियां लगाई हैं। लिहाजा कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ने के लिए दिल्ली के किसानों का इंतजार बढ़ गया। उल्लेखनीय है कि बीते 7 अगस्त को केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की कृषि भूमि के सर्किल रेट को 15 साल बाद बढ़ाने का निर्णय लिया था। इससे पहले भी दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना जनता के हित के कई काम रोक चुके हैं। जिसमें मुफ्त योगा क्लास से लेकर दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजना शामिल है।

बता दें कि राजस्व मंत्री आतिशी ने कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ाने के प्रस्ताव को सीएम अरविंद केजरीवाल के समक्ष रखा था, जिसे उन्होंने तत्काल अपनी मंजूरी दे दी थी। उस उक्त सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली के किसानों की यह लंबे समय से मांग थी कि उनकी खेती की ज़मीन के रेट बढ़ाए जाएं। मुझे दिल्ली के अपने सभी किसान भाइयों को बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि आपकी यह मांग पूरी कर दी गई है। आपका बेटा आपके हित के लिए हमेशा काम करता रहेगा।

केजरीवाल सरकार द्वारा किसानों के हक़ में यह बहुत बड़ा फैसला लिया गया था। सरकार के इस फैसले के तहत दिल्ली में 2008 के बाद पहली बार किसानों की कृषि भूमि के सर्किल रेट में बदलाव किया गया था। 2008 से अबतक दिल्ली में कृषि भूमि का सर्किल रेट केवल 53 लाख रुपए प्रति एकड़ है। इस वजह से किसान जब अपनी जमीन बेचना चाहते थे तो उन्हें उसका उचित दाम नहीं मिलता है। साथ ही जब दिल्ली सरकार विकास कार्यों जैसे सड़क, फ्लाईओवर, यूनिवर्सिट, अस्पताल आदि बनाने के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण करती है तो उनको अधिसूचित सर्किल रेट 53 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से ही मुआवजा मिलता है।

कृषि भूमि का सर्किल रेट कम होने से किसानों के साथ ही दिल्ली सरकार को भी नुकसान होता है, क्योंकि जब किसानों को उनकी जमीन का कम मुआवजा मिलता है तो वे सरकारी प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमीन नहीं देना चाहते हैं। ऐसे में कई बार मामला कोर्ट तक जाता है और लंबे समय तक केस चलता है। इस वजह से बहुत से विकास कार्यों को पूरा करने में देरी हो जाती है। इसलिए सर्किल रेट में नए बदलाव किए गए थे। नए सर्किल रेट के लागू होने से किसानों को भूमि अधिग्रहण के दौरान जायज मुआवजा मिलता।

वर्तमान में दिल्ली में कृषि भूमि का सर्किल रेट हर जिले में एक समान यानि 53 लाख रुपए प्रति एकड़ है, जबकि वास्तविक रूप में दिल्ली के कुछ हिस्सों में जमीन की कीमतें बाकी जगहों की तुलना में काफी ज्यादा है और जमीन की मांग भी काफी ज्यादा है। ऐसे में इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए केजरीवाल सरकार ने किसानों के हक में यह फैसला लिया था। इसके अंतर्गत दिल्ली के अलग-अलग जिलों में कृआखि भूमि का अलग-अलग सर्किल रेट निर्धारित किया गया था।

नए सर्किल रेट के अनुसार नई दिल्ली जिला और दक्षिणी जिला में 5 करोड़ रुपए प्रति एकड़, उतर, पश्चिम, उत्तर-पश्चिम व दक्षिण पश्चिम जिले में 3 करोड़ रुपए प्रति एकड़, मध्य और दक्षिण पूर्वी दिल्ली में 2.5 करोड़ रुपए प्रति एकड़, शहादरा, उत्तरी-पूर्वी व पूर्वी जिला में 2.25 करोड़ रुपए प्रति एकड़ सर्किल रेट निर्धारित किया गया था। केजरीवाल सरकार के इस फैसले से दिल्ली के किसानों को दो बड़े फायदे होने वाले थे। पहला, किसान जब मार्किट में अपनी जमीन बेचने जाते तो उन्हें उसका वाजिब दाम मिलता और दूसरा, सरकार जब भी किसी विकास कार्य के लिए किसानों की भूमि का अधिग्रहण करती तो उनको उचित मुआवजा मिलता।

केजरीवाल सरकार की ओर से प्रस्तावित सर्किल रेट यह था-

जिला ग्रीन बेल्ट विजेल अर्बनाइज्ड विजेल रूरल विजेल
साउथ 5.00 5.00 5.00
नॉर्थ 3.00 3.00 3.00
वेस्ट 3.00 3.00 3.00
नॉर्थ-वेस्ट 3.00 3.00 3.00
साउथ-वेस्ट 3.00 4.00 3.00
नई दिल्ली 5.00 5.00 5.00
सेंट्रल कोई नहीं 2.50 2.50
साउथ-ईस्ट कोई नहीं 4.00 2.50
शहादरा 2.25 2.25 2.25
नार्थ-ईस्ट कोई नहीं 2.25 2.25
ईस्ट कोई नहीं 2.25 2.25

नोट- सर्कल रेट प्रति एकड़ करोड में है

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