‘वन नेशन- वन इलेक्शन’ पर मोदी सरकार की कवायद तेज, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी गठित

मोदी सरकार 'वन नेशन-वन इलेक्शन' की कवायद में जुट गई है. इसको लेकर सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है.

नई दिल्ली; मोदी सरकार ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की कवायद में जुट गई है. इसको लेकर सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी में कौन-कौन सदस्य होंगे इसकी जानकारी सरकार द्वारा साझा की जाएगी. कमेटी, लोकसभा व विधानसभा इलेक्शन एक साथ कैसे कराए जाएं… इस विषय पर विभिन्न कार्य करेगी.

प्रधानमंत्री मोदी काफी समय से ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की वकालत करते आए हैं. उनका तर्क है कि एक इलेक्शन से देश के बजट पर बोझ कम होगा. साथ ही तमाम संसाधन जो बार-बार लोकसभा व विधानसभा इलेक्शन के दौरान उपयोग होते हैं वह भी बचेंगे. इसके अलावा बार-बार चुनाव की वजह से आचार संहिता लागू होने से विकास कार्य प्रभावित होता है, वह भी नहीं होगा.

गौर करने वाली बात यह है कि ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की बात तब सामने आई है जब सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच लोकसभा का विशेष सत्र बुलाया है. साथ ही इस विशेष सत्र का ऐजेंडा भी गुप्त रखा गया है. देश में पहली बार आम चुनाव 1951-52 में हुआ था, तब चुनाव में कुल 11 करोड़ का खर्च आया था. वहीं 2019 लोकसभा के चुनाव में 60 हजार करोड़ का भारी भरकम बजट खर्च हुआ था. इसके अलावा हर वर्ष देश के अलग-अलग राज्यों में विधान सभा के चुनाव होते ही रहते हैं. जिसमें सरकार का भारी बजट खर्च होता है. जिसका सीधा असर जनता पर पड़ता है.

कहा जा रहा है कि पीएम मोदी भारी चुनावी खर्च को कम करने के लिए ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ के तहत लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर विचार कर रहे हैं. इसी के चलते पूर्व प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ कमेटी का गठन किया गया है. जो सभी चुनाव एक साथ कराने की विभिन्न संभावनाओं पर जांच करेगी.

वहीं, अब केंद्र सरकार के ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की पहल पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया भी आने लगी है. शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत का कहना है कि मुझे लगता है कि ये एक चुनाव आगे करने के लिए एक साजिश है, ये लोग चुनाव नहीं कराना चाहते…ये लोग INDIA से डर गए हैं, इनके मन में डर है इसलिए नया-नया फंडा लेकर आते हैं.

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