
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी। यह बैठक कोरोनो वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था में उत्पादक क्षेत्रों के योगदान को बढ़ाने के उद्देश्य से अहम माना जा रहा है। दो दिनों तक चलने वाले इस सम्मलेन में HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस बैंक, श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस बैंक और टाटा कैपिटल सहित शीर्ष छह निजी क्षेत्र के ऋणदाताओं और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के सीईओ की भाग लेंगे।
भारत सरकार ने अपने बयान में कहा है कि इस बैठक के दौरान अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निर्बाध तरीके से ऋण के प्रवाह और इससे संबंधित मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने के लिए चर्चा होगी। इसी क्रम में 17-18 नवंबर को हितधारकों का एक सम्मेलन भी आयोजित किया जा रहा है जिनसे इस सम्बन्ध में फीडबैक भी लिया जा सके।
यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब बैंक अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों में ऋण देने को बढ़ावा देने के लिए आउटरीच कार्यक्रम चला रहे हैं। 16 अक्टूबर को सरकार के राष्ट्रव्यापी क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से, बैंकों ने 31 अक्टूबर तक देश भर में आयोजित 10,580 शिविरों के माध्यम से कुल ₹ 63,574 करोड़ के 13.84 लाख ऋण स्वीकृत किए हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, लगभग 3.2 लाख लाभार्थियों को ₹21,687.23 करोड़ के व्यावसायिक ऋण स्वीकृत किए गए, जबकि ₹4,560,39 करोड़ के वाहन ऋण 59,090 उधारकर्ताओं को स्वीकृत किए गए।